मणिपुर में तनाव की स्थिति, पांच दिनों के लिए इंटरनेट बैन, दो जिलों में 60 दिनों के लिए धारा 144 लागू

विशेष सचिव (गृह) एच. ज्ञान प्रकाश ने एक आदेश में कहा है कि मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है, क्योंकि कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया का इस्तेमाल 'नफरत फैलाने' के लिए कर रहे थे।

Updated: Aug 09, 2022, 04:02 AM IST

इंफाल। मणिपुर के बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों में अगले दो महीनों के लिए सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है। जबकि राज्यभर में अगले पांच दिनों के लिए इंटरनेट बैन कर दिया गया है। सोशल मीडिया पर फैल रहे नफरती संदेशों के प्रचार-प्रसार को रोकने के लिए इंटरनेट बैन किया गया है, जिसके कारण राज्य में हिंसा भड़क रही थी।

दरअसल, बिष्णुपुर के फुगकचाओ इखांग में तीन से चार लोगों ने शनिवार को एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया था। इसके बाद विशेष सचिव (गृह) एच ज्ञान प्रकाश ने आदेश जारी कर पूरे प्रदेश में मोबाइल डेटा सेवाओं को पांच दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया है। आदेश के अनुसार, कुछ असामाजिक तत्व लोगों को भड़काने के लिए भड़काऊ भाषणों को सोशल मीडिया के जरिए प्रसारित कर रहे हैं। 

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आदेश में कहा गया है कि गाड़ी में आग लगाने की घटना ने सांप्रदायिक तनाव पैदा कर दिया है। उधर, बिष्णुपुर के जिला मजिस्ट्रेट ने शनिवार शाम से अगले दो महीने की अवधि के लिए बिष्णुपुर और चुराचांदपुर में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी है, ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे। 

दरअसल, राज्य की एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने मंगलवार को मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) जिला परिषद 6 वां और 7 वां संशोधन बिल पेश किया। इसके बाद ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर (ATSUM) ने इस संशोधन बिल का विरोध किया। ATSUM आदिवासी छात्रों का एक प्रभावी संगठन है।

ATSUM ने शुक्रवार सुबह से राज्य में अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी का आह्वान किया है। इस छात्र संगठन की मांग है कि विधानसभा में मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल बिल 2021 पेश किया जाए।ATSUM का कहना है कि बिल को मानसून सत्र में ही पेश किया जाए, जिससे राज्य के घाटी क्षेत्रों की तरह पहाड़ी क्षेत्रों में भी विकास सुनिश्चित हो सके।