मिनटों में विधेयक पास करवाने पर टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कसा तंज, कानून बन रहे हैं या पापड़ी चाट
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने संसद में एक के बाद एक लगातार बिल पास कराने को लेकर की मोदी सरकार की आलोचना, बिल पास करने की जल्दबाजी का पेश किया लेखाजोखा

नई दिल्ली। संसद में जल्दबाजी के साथ एक के बाद एक बिल पास करवाने को लेकर टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने मोदी सरकार की आलोचना की है। टीएमसी नेता ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि कानून बन रहे हैं या पापड़ी का चाट तैयार किया जा रहा है?
डेरेक ओ ब्रायन ने बिल पास करवाने के सिलसिले में मोदी सरकार की हड़बड़ी का लेखाजोखा भी पेश किया है। डेरेक ओ ब्रायन ने अपने ट्विटर हैंडल पर कुछ बिलों का उदाहरण देते हुए बताया है कि इन बिलों को कितनी देर में राज्यसभा और लोकसभा में पेश कराया गया। टीएमसी नेता द्वारा ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए चार्ट के मुताबिक बिल से संबंधित मंत्री के भाषण को छोड़कर 30 जुलाई को राज्यसभा में कॉकोनट डेवलपमेंट बोर्ड महज एक मिनट में पास करा दिया गया।
वहीं तमाम बिलों को भी मंत्री के भाषण को किनारे रख कर चंद मिनटों के अंतराल पर ही सारे बिल पास कराए गए। 26 जुलाई को लोकसभा में फैक्टरिंग रेगुलेशन बिल को पास कराने में सबसे ज्यादा 13 मिनट लगे। टीएमसी नेता का कहने का अभिप्राय यही है कि बिलों को पास कराने के लिए मोदी सरकार ने बिलों पर चर्चा तक करना मुनासिब नहीं समझा।
#MASTERSTROKE #Parliament
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) August 2, 2021
In the first 10 days, Modi-Shah rushed through and passed 12 Bills at an average time of UNDER SEVEN MINUTES per Bill (See shocking chart)
Passing legislation or making papri chaat! pic.twitter.com/9plJOr5YbP
टीएमसी नेता ने इस चार्ट को अपने ट्विटर हैंडल पर पेश करते हुए कहा कि संसद सत्र के पहले दस दिनों में मोदी शाह ने बारह बिल पास करा दिए। और इन बिलों को पास करवाने में महज सात मिनट लगे। बिल पास हो रहे हैं या पापड़ी का चाट बन रहा है?
संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत से ही समूचा विपक्ष केंद्र सरकार से पेगासास जासूसी कांड, किसानों की समस्या और महंगाई पर बातचीत करने की मांग कर रहा है। लेकिन मोदी सरकार इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए राजी नहीं है। इन समस्याओं पर चर्चा करने के लिए विपक्ष लगातार दोनों सदन में सरकार पर दबाव बना रहा है, जिसके बदले में लगातार संसद के सत्र की कार्यवाही स्थगित की जा रही है।