सत्य सदैव उज्ज्वल रहे, राहुल गांधी की सजा पर रोक को लेकर दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रिया

एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि माननीय न्यायालय के इस फैसले से न्यायपालिका के प्रति देश की जनता का सम्मान और भरोसा दोनों बढ़ेंगे। मुझे पूरा भरोसा है कि अंतिम फैसला भी राहुल गांधी के पक्ष में आएगा और देश में लोकतंत्र मजबूत होगा।

Updated: Aug 04, 2023, 03:38 PM IST

नई दिल्ली। मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को बड़ी राहत देते हुए सजा पर रोक लगा दी है।ऐसे में अब राहुल गांधी की संसद सदस्यता पुनः बहाल होगी। सर्वोच्च अदालत के इस फैसले के बाद देशभर के कांग्रेस कार्यालयों में जश्न का माहौल है। दिल्ली से लेकर भोपाल तक कांग्रेस कार्यकर्ता ढोल की थाप पर नाचते और मिठाइयां बांटते दिख रहे हैं। न्यायायल के फैसले पर विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया भी आ रही है।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी को बधाई दी है। सिंह ने ट्वीट किया, "हमारे सम्माननीय नेता राहुल गांधी जी को सुप्रीम कोर्ट से न्यायिक राहत मिलने पर बधाई एवं शुभकामनाएँ। सत्य सदैव उज्ज्वल रहे!!"

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने लिखा है कि, "देश में लोकतंत्र की आवाज, जन-जन के चहेते और कांग्रेस के सम्मानित नेता राहुल गांधी को माननीय उच्चतम न्यायालय से सजा में राहत मिलने पर हार्दिक शुभकामनाएं। माननीय न्यायालय के इस फैसले से न्यायपालिका के प्रति देश की जनता का सम्मान और भरोसा दोनों बढ़ेंगे। मुझे पूरा भरोसा है कि अंतिम फैसला भी राहुल गांधी के पक्ष में आएगा और देश में लोकतंत्र मजबूत होगा। सत्यमेव जयते।"

मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने लिखा कि, "सत्य आकाश में जगमगाता हुआ वह सूरज है, जो असत्य से भरे अंधेरे के अस्त होते ही अंततः उदय हो ही जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने "मोदी सरनेम" की टिप्पणी पर मानहानि के मामले में हमारे नेता आदरणीय राहुल गांधी जी की सजा पर रोक लगा दी है। सत्य की जीत हुई।"

इंदौर से कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने ट्वीट किया, "संसद में फिर एक प्रश्न पूछा जाएगा! राजधानियों से सवाल का तूफान उठाया जाएगा! गांव/कस्बे/नगर/शहर मिलकर आवाज उठाएंगे! लोकतंत्र के हत्यारे कब तक मुंह छुपाएंगे? गरीब, किसान, बेरोजगारों का दुखों से नाता है! मोदी से अडानी का : यह रिश्ता क्या कहलाता है? संसद में सवाल फिर पूछा जाएगा? मोदी और आड़नी का रिश्ता देश जानना चाहेगा?"

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई, पीएस नरसिम्हा और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने कहा कि सजा की वजह बताई जानी थी, लेकिन ऑर्डर में इस पर कुछ नहीं लिखा था। इससे न केवल राहुल गांधी के राजनीतिक जीवन जारी रखने के अधिकार पर फर्क पड़ा, बल्कि उन लोगों पर भी पड़ा, जिन्होंने राहुल को चुना था।

राहुल को गुजरात की सेशन कोर्ट ने 23 मार्च को दो साल की सजा सुनाई थी। जिसके चलते राहुल की सांसदी चली गई थी। बाद में राहुल ने हाईकोर्ट का रुख किया। उन्हें वहां भी राहत नहीं मिली। 7 जुलाई को गुजरात हाईकोर्ट ने अपने फैसले में दो साल की सजा बरकरार रखी। आखिर में 15 जुलाई को राहुल ने सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली।