प्रेस को डराने की कोशिश... एडिटर्स गिल्ड ने BBC के दफ्तरों में IT के छापे पर उठाया सवाल

एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि आयकर विभाग का सर्वे सरकारी एजेंसियों का उपयोग कर उन प्रेस संगठनों को डराने और परेशान करने के लिए किया जा रहा है जो सरकारी नीतियों की आलोचना करते हैं।

Updated: Feb 14, 2023, 01:25 PM IST

नई दिल्ली। बीबीसी के दिल्ली और मुंबई में दफ्तर में आयकर विभाग की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने इसे प्रेस की आजादी पर हमला बताया है। आईटी विभाग के इस सर्वे की एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी तीखी आलोचना की है। एडिटर्स गिल्ड ने स्पष्ट कहा है कि ऐसा प्रेस प्रतिष्ठानों को डराने के लिए किया जा रहा है।

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने मंगलवार को बयान जारी कर देश में मीडिया पर हो रहे हमलों को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है। एडिटर्स गिल्ड ने अपने बयान में लिखा, "यह कार्रवाई देश में अल्पसंख्यकों की मौजूदा स्थिति और गुजरात में 2002 की हिंसा पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की रिलीज के बाद की गई है। डॉक्यूमेंट्री को केंद्र सरकार ने गलत और पूर्वाग्रह से भरा रिपोर्ट बताते हुए बीबीसी की आलोचना की है और भारत में इसके ऑनलाइन देखने पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास किया।"

एडिटर्स गिल्ड ने आगे लिखा, "आयकर विभाग का सर्वे सरकारी एजेंसियों का उपयोग कर उन प्रेस संगठनों को डराने और परेशान करने की प्रवृत्ति के तहत है जो सरकारी नीतियों या सत्ता प्रतिष्ठान की आलोचना करते हैं। सितंबर 2021 में, आई-टी विभाग द्वारा न्यूजक्लिक और न्यूजलॉन्ड्री के कार्यालयों का इसी तरह सर्वे किया गया था। जून 2021 में दैनिक भास्कर और भारत समाचार के खिलाफ भी सर्वे हुए थे। फरवरी 2021 में ईडी ने न्यूजक्लिक के कार्यालय पर छापे मारे थे। इन सभी मामलों में छापे और सर्वे समाचार संगठनों द्वारा सरकारी प्रतिष्ठान के कवरेज की पृष्ठभूमि के तहत थे। यह एक ऐसी प्रवृत्ति है जो लोकतंत्र को कमजोर करती है।"

गिल्ड ने मांग की कि ऐसी सभी जांचों में बहुत सावधानी और संवेदनशीलता दिखाई जाए ताकि पत्रकारों और मीडिया संगठनों के अधिकार कमजोर न हो पाए। इसके अलावा एडिटर्स गिल्ड अपनी पहले की मांग को दोहराता है कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि इस तरह की जांच निर्धारित नियमों के तहत की जाए और वे स्वतंत्र मीडिया को डराने के लिए उत्पीड़न के साधनों में न बदल जाए।

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी इस रेड की निंदा की है। प्रेस क्लब ने एक बयान जारी कर कहा कि हाल के दिनों में सरकारी एजेंसियों द्वारा मीडिया पर बार-बार हमला किया जा रहा है। खास कर उनपर जो सरकार के खिलाफ कुछ लिखते या बोलते हैं। बयान में आगे कहा गया है कि बीबीसी द्वारा जारी डॉक्यूमेंट्री के बाद इस तरह की कार्रवाई से पता चलता है कि यह बदले के तहत किया गया है। यह लोकतंत्र के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है और इस तरह की कार्रवाई से हमारे देश की छवि खराब होती है।