छात्रों के बैंक अकाउंट में नहीं पहुंचे थे 960 करोड़, तकनीकी दिक्कत के कारण दिख रही थी धनराशि

बिहार के कटिहार का मामला, स्कूल यूनिफॉर्म के लिए पैसे निकालने बैंक गए थे दो छात्र, एक के खाते में पहले से थे 900 करोड़, दूसरे छात्र के खाते में थे 60 करोड़, बैंक खाता चेक करवाने वालों की लगी कतार

Updated: Sep 16, 2021, 01:21 PM IST

पटना। बिहार के कटिहार में दो छात्रों के बैंक खातों में 960 करोड़ पहुंचने के मामले में ब्रांच मैनेजर की सफाई आई है। ब्रांच मैनेजर ने कहा है कि दोनों छात्रों के बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर नहीं हुए थे। बल्कि ऐसा तकनीकी दिक्कत के कारण हुआ था। खुद कटिहार के डीएम ने ब्रांच मैनेजर से बात कर इस पूरे मामले की जानकारी ली है। 

कटिहार के डीएम उदयन मिश्रा ने ब्रांच मैनेजर के हवाले से मीडिया को बताया है कि ब्रांच मैनेजर ने बताया कि सीबीएस(कोर बैंकिंग सॉल्यूशंस) में खराबी के कारण छात्रों के खातों में इतनी बड़ी धनराशि शो हो रही थी। खातों में पैसे ट्रांसफर नहीं किए गए थे। समस्या का समाधान निकाल लिया गया है।

इससे पहले कटिहार में दो छात्रों के खाते में 960 करोड़ रुपए की राशि पहुंचने की जानकारी मिलने पर बैंक कर्मियों के होश उड़ गए। आनन फानन में दोनों खातों के ट्रांजेक्शन पर रोक लगा दी गई। वहीं बैंक खाते में इतनी बड़ी राशि आने की खबर सुनकर आसपास के अन्य लोग भी अपना खाता चेक करने बैंक पहुंचने लगे। लोगों की भारी कतार बैंक के बाहर लग गई। 

कटिहार के आजमनगर थानाक्षेत्र के पस्तिया गांव में स्कूल में पढ़ने वाले दो छात्र स्कूल यूनिफॉर्म के लिए पैसा निकालने एसबीआई बैंक की शाखा पहुंचे थे। बिहार सरकार की लाभकारी योजना के तहत स्कूल यूनिफॉर्म के लिए मिलने वाली राशि निकालने हेतु छात्र बैंक पहुंचे थे। लेकिन जैसे ही उन्होंने अपने खातों की जानकारी ली, तब हैरान रह गए। उनके खातों में कुल 960 करोड़ रुपए की राशि जमा थी। 

गुरुचंद्र नामक छात्र के खाते में 60 करोड़ जबकि असित कुमार के खाते में 900 करोड़ से अधिक राशि जमा थी। छात्रों के खाते में इतनी बड़ी राशि देख बैंक में मौजूद कर्मचारियों के होश उड़ गए। उन्होंने फौरन बैंक के बड़े अधिकारियों को इस प्रकरण की जानकारी दी। वहीं बैंक मैनेजर ने खाते में भुगतान पर रोक लगा दी। 

लेकिन जल्द ही इस मामले की खबर ग्रामीणों को लग गई। खाते में बड़ी राशि पहुंचने की आस लिए वे सब बैंक का रुख करने लगे। देखते ही देखते बैंक के बाहर लोगों की भीड़ लग गई। 

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इससे ही एक मिलता जुलता मामला बिहार के खगड़िया में आया था। यहां एक ग्रामीण के खाते में गलती से 5.5 लाख रुपए पहुंच गए। ग्रामीण ने इसे प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दी जाने वाली पंद्रह लाख की राशि की पहली किस्त समझकर पैसे खर्च कर डाले। जब बैंक को अपनी गलती का अहसास हुआ तो उसने युवक से पैसे वापस मांगे। इस पर युवक ने कहा कि यह पैसे उसके हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने उसके खाते में यह पैसे भेजे हैं। अभी दस लाख और आएंगे। 

युवक द्वारा पैसे वापस लौटाने से इनकार करने के बाद बैंक ने पुलिस को मामले की सूचना दी। पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में बीजेपी को वोट देने वाले मासूम और गरीब लोग आज भी इसी आस में वोट दे रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी उनके खातों में एक न एक दिन पंद्रह लाख भेजेंगे। हालांकि यह एक राजनीतिक जुमला था जिसे खुद गृह मंत्री अमित शाह अपने एक इंटरव्यू में स्वीकार कर चुके हैं।