उत्तर प्रदेश को साधने में जुटी कांग्रेस, प्रियंका गांधी ने 50 नेताओं को फोन कर कहा, आपका टिकट कन्फर्म है

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रियंका गांधी ने कांग्रेस के कुल 50 नेताओं को फोन कर उनकी उम्मीदवारी तय कर दी है, प्रियंका गांधी ने उन्हें अभी से मौदान में उतर जाने के लिए कहा है

Updated: Jun 21, 2021, 10:45 AM IST

Photo Courtesy :DNA India
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नई दिल्ली/लखनऊ। भले ही उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव अगले साल होना है, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने अभी से अपनी कमर कस ली है। खुद पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस के 50 नेताओं को फोन कर अगले चुनाव के लिए उनकी उम्मीदवारी कन्फर्म कर दी है। प्रियंका गांधी ने इन नेताओं से चुनाव की तैयारी करने के लिए कहा है। इसके साथ ही अगस्त महीने तक कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपने 200 उम्मीदवारों की सूची भी तैयार कर सकती है। 

प्रियंका गांधी के इस फोन का दावा एक हिंदी न्यूज़ चैनल ने अपनी एक रिपोर्ट में किया है। रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार चौधरी और शामली से विधायक पंकज मलिक के हवाले से इस बात की पुष्टि की गई है कि प्रियंका गांधी ने उन्हें फोन कर मौखिक तौर पर उनकी उम्मीदवारी तय कर दी है। हालांकि पंकज मलिक ने खुद हमसमवेत से बातचीत करते समय प्रियंका गांधी के किसी भी फोन कॉल से इनकार किया। पंकज मलिक ने कहा कि हो सकता है बाकी नेताओं को फोन गया हो, लेकिन मुझे औपचारिक तौर पर इस बात की जानकारी नहीं है। 

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उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था। लेकिन समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करना कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित नहीं हुआ। कांग्रेस को 2017 के विधानसभा चुनावों में 2012 के चुनाव की तुलना में 21 सीटों का नुकसान हुआ। कांग्रेस 2017 में 7 सीटें मिली। लोकसभा चुनावों से पहले खुद प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश की बागडोर अपने हाथों में ले ली। जिसके बाद कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं किया। 

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वहीं समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा। अब विधानसभा चुनावों से ठीक पहले अखिलेश यादव ने भी यह खुले तौर पर ऐलान कर दिया है कि उनकी पार्टी कांग्रेस और बीएसपी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। बीएसपी से निष्कासित विधायकों और अखिलेश यादव की हालिया मुलाकात के बाद यह लगभग तय माना जा रहा है कि अखिलेश और मायावती एक साथ चुनाव नहीं लड़ेंगे।