ओडिशा रेल हादसे पर UPA अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जताया दुख, राहत एवं बचाओ अभियान में जुटे कांग्रेस कार्यकर्ता
हादसे को लेकर एनसीपी नेता अजीत पवार ने कहा कि पहले जब रेल हादसे होते थे, तो रेल मंत्री इस्तीफा देते थे, यही भारत का इतिहास है, लेकिन अब इस पर कोई बात ही नहीं कर रहा।

नई दिल्ली। ओडिशा के बालासोर में हुए भयावह हादसे ने पूरे देश को गमगीन कर दिया है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक 288 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1000 से ज्यादा यात्री घायल हैं। इस हादसे को लेकर यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने दुख जताया है। उधर, विपक्षी दलों ने एकस्वर में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफे की मांग की है।
सोनिया गांधी ने मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। सोनिया गांधी ने कहा कि ओडिशा में भयानक ट्रेन हादसे से मैं दुखी और व्यथित हूं। मैं सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी सहानुभूति और संवेदना व्यक्त करती हूं।
I am most pained and anguished by the terrible train disaster in Odisha. I extend my deepest sympathy and condolences to all the bereaved families.
— Congress (@INCIndia) June 3, 2023
- CPP Chairperson Smt. Sonia Gandhi ji pic.twitter.com/BxmaV3wEZx
देश के पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल ने कहा कि तीन ट्रेनों का एक्सीडेंट हो जाना शायद ऐसा दर्दनाक हादसा काफी लंबे समय से सुनने में नहीं आया। उन्होंने आगे कहा कि सरकार को मरने वालों या घायलों के लिए मुआवजे की राशि बढ़ानी चाहिए। बंसल ने कहा कि पीएम को पीएम केयर्स फंड से और मुआवजा देना चाहिए। हादसे के कारणों के सवाल पर पवन बंसल ने कहा कि फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता, हां लेकिन जांच उच्च स्तरीय होनी चाहिए, क्या कारण रहे हैं वो बाहर आना चाहिए। किसी को बचाने की कोशिश ना की जाए।
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वहीं, एनसीपी के कद्दावर नेता अजीत पवार ने भी हादसे को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। रेल विभाग को इसकी जांच कर जो दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। रेलवे को यात्रियों की जान को अहमियत देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले ऐसे रेल हादसे होते थे, तो रेल मंत्री इस्तीफा देते थे, लेकिन अब इस पर कोई बात ही नहीं कर रहा।
उधर, घटनास्थल पर पहुंचे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक तरफ जहां दुर्घटनाग्रस्त बोगियों का जायजा लिया, राहत-बचाव अभियान की समीक्षा की और रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे अधिकारियों से मिले, वहीं दूसरी ओर सवालों से दूर भागते भी नजर आए। मीडिया से बातचीत करते समय वह ज्यादातर सवालों का जवाब देने से बचते नजर आए। उन्होंने कई सवालों के जवाब में सिर्फ यही कहा कि वह देखेंगे, उनके अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने अपने इस्तीफे के सवाल पर चुप्पी साध ली।
इस हादसे के बाद कांग्रेस के सैंकड़ों कार्यकर्ता घटनास्थल पर देर रात से ही राहत एवं बचाओ अभियान में जुटे हुए थे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा अब अस्पतालों में घायलों को रक्त देने का अभियान भी चलाया गया है। चूंकि, बड़ी संख्या में घायलों को खून की कमी है। डॉक्टरों अथवा अस्पताल द्वारा इतनी बड़ी संख्या में खून का प्रबंध करना संभव नहीं है। ऐसे में कांग्रेस ने अपने सभी स्थानीय कार्यकर्ताओं को अस्पतालों में तैनात किया है, ताकि संकट की इस घड़ी में वे मानवता के काम आ सकें।