BJP सांसद वरुण गांधी ने बढ़ाई सीएम योगी की मुश्किलें, चिट्ठी लिखकर किसानों को MSP देने की मांग की

वरुण गांधी ने बनाया अपनी ही सरकार पर दबाव, किसानों के समर्थन में रखी कई मांगें, किसानों को प्रतिवर्ष 12 हजार रुपए मुआवजा और डीजल पर सब्सिडी देने को कहा, किसान महापंचायत का कर चुके हैं समर्थन

Updated: Sep 12, 2021, 12:57 PM IST

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले पीलीभीत से बीजेपी सांसद व फायरब्रांड नेता वरुण गांधी ने सरगर्मियां बढ़ा दी है। वरुण गांधी खुलकर किसानों के समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि किसानों की फसल MSP पर खरीदी जाए। गांधी ने डीजल पर 20 रुपए सब्सिडी और किसानों को प्रतिवर्ष 12 हजार रुपए देने की मांग की है।

पीलीभीत सांसद ने सीएम योगी को संबोधित अपने तीन पन्ने के पत्र में लिखा है कि, 'पिछले चार सत्रों में गन्ने के रेट में मात्र दस रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। जबकि गन्ने की लागत बहुत ज्यादा बढ़ गई है। आज भी गन्ने का इस सत्र का कुछ भुगतान बकाया है। गन्ने की बढ़ती लागत और महंगाई दर को देखते हुए सरकार गन्ना किसानों की मांग के अनुसार आगामी गन्ना सत्र 2021-22 में गन्ने के रेट (एसएपी) बढ़ाकर कम से कम 400 रुपये प्रति क्विंटल घोषित करे और तत्काल सारा बकाया गन्ना भुगतान करवाना सुनिश्चित करे।'

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MSP पर हो धान की खरीदी: वरुण गांधी

वरुण गांधी ने गन्ना किसानों को उचित मात्रा में सस्ता बीज, उर्वरक, कीटनाशक उपलब्ध कराने की मांग की है। उन्होंने धान की सारी फसल को एमएसपी पर खरीदने की सरकार व्यवस्था करने की मांग की है। साथ ही गेंहू और धान की सरकारी खरीद पर सरकार को 200 रुपये प्रति क्विंटल का अलग से बोनस देने पर भी विचार करने को कहा है। इसके अलावा बिजली के रेटों में तत्काल कमी करने की भी मांग की है ताकि किसानों को राहत मिले। 

पीलीभीत सांसद ने पत्र में आगे लिखा है कि आवारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए गौशाला निर्माण किया जाए। वरुण गांधी ने जो सबसे अहम मांग की है वह ये है कि पीएम किसान योजना के तहत किसानों को जो सालाना 6 हजार रुपए दिया जाता है उसे बढ़ाकर 12 हजार की जाए। हालांकि, ये मांग उन्होंने केंद्र सरकार से नहीं कि है बल्कि कहा है कि बाकी के 6 हजार रुपए राज्य सरकार की ओर से दिया जाए। वरुण गांधी ने इस पत्र को खुद ट्वीट भी किया है।

विधानसभा चुनाव से पहले वरुण गांधी के इन मांगों को लेकर कई मायने निकाले जा रहे हैं। चर्चा है कि वरुण गांधी बीजेपी सरकार द्वारा किसानों की मांगें न माने जाने से नाराज हैं, और वह कभी भी कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। एक धड़े का यह भी मानना है कि बीजेपी में अपनी भूमिका से वे खुश नहीं हैं और इस तरह अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।

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बता दें कि पिछले हफ्ते भी वरुण गांधी ने आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में ट्वीट किया था।उन्होंने किसान महापंचायत का वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर साझा करते हुए कहा था कि मुजफ्फरनगर में आज लाखों की तादाद में किसान एकत्रित हुए हैं। ये सभी हमारे ही खून हैं। हमें सम्मान के साथ किसानों से दोबारा बातचीत शुरू करने की जरूरत है। इसके पहले वरुण गांधी ने करनाल में हुए लाठीचार्ज की भी आलोचना की थी। उन्होंने लाठीचार्ज को लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ बताया था। वरुण गांधी ने किसानों का सिर फोड़ देने का आदेश देने वाले एसडीएम आयुष सिन्हा का वायरल वीडियो साझा करते हुए निंदा भी की थी।