हम सड़क से सदन तक जनता की आवाज़ बुलंद करते रहेंगे, सांसदों के निलंबन पर बोली कांग्रेस

लोकसभा से विपक्षी पार्टियों के 14 और राज्यसभा से एक सांसद को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। ये सांसद संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर केंद्र सरकार से सवाल पूछ रहे थे।

Updated: Dec 14, 2023, 05:50 PM IST

नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में चूक की घटना को लेकर केंद्र की मोदी सरकार चौतरफा घिरी हुई है। विपक्ष के सांसद दोनों सदनों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध दबाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा के 14 और राज्यसभा के एक सांसद को सस्पेंड कर दिया है। इस कार्रवाई पर कांग्रेस ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मोदी सरकार ये जान ले की कांग्रेस ऐसी हरकतों से डरने वाली नहीं है।

कांग्रेस ने ट्वीट किया, 'लोकसभा में कांग्रेस के सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया। इनका गुनाह है कि लोकतंत्र के मंदिर में ये जनता की आवाज़ उठा रहे थे। मोदी सरकार से तीखे सवाल कर रहे थे। कल ही संसद की सुरक्षा में सेंध लगी, इसपर सवाल करना गुनाह है। बजाए सरकार इस चूक पर जवाब दे, सवाल उठाने वाले सांसदों को ही सस्पेंड कर दिया गया।'

कांग्रेस ने आगे लिखा, 'सब जानते हैं, मोदी सरकार सवालों से भागती है और सवाल करने वालों का दमन करती है। ताज़ा कार्यवाही इसी बात का नमूना है।लेकिन... मोदी सरकार ये जान ले- कांग्रेस ऐसी हरकतों से डरने वाली नहीं है। हम सड़क से सदन तक जनता की आवाज़ बुलंद करते रहेंगे। न डरे हैं, न डरेंगे
लड़ेंगे और जीतेंगे।'

सांसदों पर करवाई की विपक्ष के कई नेताओं ने भर्त्सना की है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर गृह मंत्री अमित शाह को सदन में आकर बयान देना चाहिए। हमें दो-चार सवाल पूछने का मौका देना चाहिए। हमने एक दिन भी सदन की कार्यवाही में बाधा नहीं डाला है। सदन भाजपा का पार्टी ऑफिस नहीं है। सदन हम सबका है। क्या हमें कोई मांग करने का अधिकार नहीं है?

राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है। भाजपा ने यही कल्चर डेवलप किया है। जैसे ही आप संसद में किसी बात का विरोध करते हैं, तो वे आपको बोलने नहीं देते। फिर हमारे सांसद होने और बहस में भाग लेने का क्या मतलब है। वहीं, सांसद दानिश अली ने कहा कि, 'दो बजे पांच सांसदों को सस्पेंड किया गया। तीन बजे 10 सांसदों को सस्पेंड किया गया। उसमें एक सांसद ऐसे थे जो आज सदन में आए ही नहीं थे। पता नहीं ये देश कैसे चल रहा है।'