Journalist Suicide : आत्महत्या से पहले जताई थी मर्डर की आशंका
AIIMS Coronavirus : दैनिक भास्कर के पत्रकार तरुण सिसोदिया की आत्महत्या की जांच के आदेश, कमेटी बनाई गई

देश की राजधानी दिल्ली के एम्स की आईसीयू में भर्ती कोरोना पॉजिटिव पत्रकार तरुण सिसोदिया ने सोमवार (6 जुलाई) को कथित तौर पर चौथे मंजिल से कूदकर आत्महत्या की थी। मामले में एक व्हाट्सएप चैट का स्क्रीनशॉट तेजी से वायरल हो रहा है जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि तरुण ने आत्महत्या नहीं कि है बल्कि उनका मर्डर हुआ है। व्हाट्सएप चैट में तरुण ने अपने साथी पत्रकारों को बताया था कि एम्स में सबकुछ ठीक नहीं है और उनका मर्डर हो सकता है। हालांकि यह चैट कितने तारीख की है इस बात की जानकारी नहीं मिल पा रही है।
पत्रकार तरुण सिसोदिया की आत्महत्या के मामले में उठ रहे सवाल को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने जांच के आदेश दे दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने एम्स के डायरेक्टर को हाई लेवल कमिटी का गठन कर 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।
तरुण को कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद 24 जून को एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया था। बाद में उन्हें हाईडिपेंडेंसी यूनिट (HDU) में शिफ्ट किया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक तरुण ने एमसीडी, स्वास्थ्य विभाग व एम्स में मिलने वाले सुविधाओं की तीखी आलोचना की थी जिस वजह से उन्हें HDU में शिफ्ट किया गया था। हाल ही में उनकी ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी हुई थी। एम्स प्रशासन ने बयान जारी कर बताया है कि उन्हें मानसिक दौरे आते थे जिस वजह से न्यूरोलॉजिस्ट और मनोचिकित्सक भी उनके इलाज में लगे थे। अस्पताल ने बयान में कहा, 'सोमवार करीब एक बजकर 55 मिनट पर वह टीसी-1 से बाहर भागा जहां वह भर्ती था। अस्पताल के कर्मचारी उसके पीछे भागे और उसे रोकने की कोशिश की। वह चौथी मंजिल पर चला गया और वहां उसने एक खिड़की का शीशा तोड़ नीचे छलांग लगा दी। इसके बाद उन्हें तत्काल एक एंबुलेंस से ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू ले जाया गया। तरुण को बचाने की कोशिश की गई लेकिन दुर्भाग्य से दोपहर तीन बजकर 35 मिनट पर उसकी मौत हो गयी।'
ये कैसा दुखद दौर है
कोरोना से लड़ रहा
एक ईमानदार पत्रकार
अपनों की बेरुखी के कारण
आत्महत्या कर लेता है
RIP #TarunSisodia ????
— Pankaj Shankar पंकज शंकर (@pankaj_shankar) July 6, 2020
तरुण की मौत के बाद कई पत्रकार सोशल मीडिया पर यह कहते हुए जांच की मांग कर रहे हैं कि दैनिक भास्कर में काम करने वाले पत्रकार तरुण सिसोदिया में आत्महत्या नहीं कि है बल्कि उनका मर्डर हुआ है। इस बात को बल देने के लिए उनके व्हाट्सएप चैट भी शेयर किए जा रहे हैं।
खबरें दिल्ली पॉलिटिक्स नामक व्हाट्सएप ग्रुप में तरुण लिखते हैं, 'हेल्लो सर, मुझे कुछ गड़बड़ लग रहा है। एम्स सीसीआई बता रहे हैं। अपने स्तर पर देखिए क्या बात है। कुछ बड़ा लगता है। इस लोकेशन पर कोई सीनियर नहीं है। किसी को कोई कुछ भी इंजेक्शन दे रहे हैं। प्लीज सर।' इसके जवाब में संतोष सूर्यवंशी नाम का ग्रुप का दूसरा सदस्य पूछता है- क्या हुआ तरूण जी? आपकी तबियत तो ठीक है ना? इस के बाद तरूण लिखते हैं, ठीक नहीं है, मर्डर हो सकता है।'
Is it a suicide case or brutal murder of tarun sisodiya, a young journalist, who was admitted in AIIMS, delhi, due to covid19 infection ..? Immediate inquiry needed.. #ShameModi #ShameKejriwal pic.twitter.com/DKT9zHIgyb
— Shubham Sharma (@ShubhamSh_) July 6, 2020
तरुण के जानने वालों का कहना है कि तरुण जैसा हिम्मती इंसान आत्महत्या नहीं कर सकता है। उन्हें संस्थान से नौकरी छोड़ने का दबाव था। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि, 'कोरोना संक्रमित होने के बाद भी एडीटर ने उन्हें अस्पताल से काम करने को कहा था। यह इसलिए की वह स्वतः परेशान होकर नौकरी छोड़ दें।
दिल्ली के श्मशान घाट और कब्रिस्तान में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अब तक 2098 डेडबॉडी का अंतिम संस्कार हो चुका है। इसमें साउथ एमसीडी में 1080, नार्थ 976 और ईस्ट में 42 का अंतिम संस्कार हुआ है। साफ है दिल्ली सरकार अभी भी आंकड़े छिपा रही है। @JPBhaiBJP @BJP4Delhi #COVID19India https://t.co/wOBDTFmhrM
— तरुण सिसोदिया (@tarunsisodiaN18) June 11, 2020
बता दें कि तरुण दिल्ली में कुव्यवस्थाओं को लेकर काफी मुखर थे। उन्होंने दिल्ली में कोरोना से हुए मौतों व सरकारी डाटा पर भी रिपोर्टिंग की थी जिसमें उन्होंने खुलासा किया था कि सरकार मौत का आंकड़ा छिपा रही है। उन्होंने ट्वीट कर बताया था कि, 'दिल्ली सरकार कह रही है कि अब तक 982 मौत कोरोना से हुई हैं, जबकि 1500 से ज्यादा डेडबॉडी का अंतिम संस्कार श्मशान और कब्रिस्तानों में हो चुका है। अभी भी सरकार मौत पर झूठ ही बोल रही है। अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'दिल्ली के श्मशान घाट और कब्रिस्तान में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अब तक 2098 डेडबॉडी का अंतिम संस्कार हो चुका है। इसमें साउथ एमसीडी में 1080, नार्थ 976 और ईस्ट में 42 का अंतिम संस्कार हुआ है। साफ है दिल्ली सरकार अभी भी आंकड़े छिपा रही है।'