Birth Anniversary: फ़ातिमा राशिद से नरगिस बनने की कहानी

हिन्‍दी फिल्‍मों का नूर 'मदर इंडिया' नरगिस दत्‍त ने पूरे तीन दशक तक सिनेमाई जगत पर राज किया। फिल्मी पर्दे और प्रशंसकों के बीच नरगिस ने अपनी एक अलग पहचान बनाई

Publish: Jun 02, 2020, 01:54 AM IST

Photo courtesy : amarujala
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हिंदी सिनेमा जगत की सबसे सफल अभिनेत्रियों में से एक नरगिस दत्त का आज जन्मदिन है। नरगिस का जन्म आज ही के दिन 1 जून 1929 को कोलकाता में हुआ था। नरगिस का असली नाम फातिमा राशिद था। लेकिन फिल्मी पर्दे पर उन्हें नरगिस नाम मिला। नरगिस ने अपने फिल्मी जीवन की शुरुआत एक चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर की थी। नरगिस ने पहली बार 1935 में रिलीज़ हुई ' तलाश- ए-हक ' में काम किया। तब नरगिस की उम्र केवल पांच वर्ष थी। उसी फिल्म में फातिमा राशिद को अपने असली नाम से इतर स्क्रीन नेम दिया गया था। स्क्रीन नेम था, 'बेबी नरगिस'। लेकिन उनके फिल्मी जीवन की शुरूआत हुई 1942 में आई फिल्म तमन्ना से।

फातिमा रशीद अब बेबी नरगिस से 'नरगिस' हो चुकी थीं। अपने नाम के ही मुताबिक फिल्मी अदाकारा नरगिस अपनी अदायकी से लंबे समय तक फिल्मी पर्दे पर अपने अभिनय की खुशबू फिल्मी पर्दे पर बिखेरती चली गईं। नरगिस ने तीन दशक तक सिनेमा जगत पर राज किया। नरगिस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति पाने वाली बॉलीवुड फिल्म मदर इंडिया में लीड रोल किया। फिल्म ऑस्कर के लिए नॉमिनेट होने वाली पहली भारतीय फिल्म बन गई। इसके लिए नरगिस को फिल्म फेयर बेस्ट एक्टर का पुरस्कार भी मिला। नरगिस ने मदर इंडिया, अंदाज़, आग, आवारा, श्री 420, बरसात, आधी रात जैसी दर्जनों क्लासिक फिल्मों में काम किया।

राज कपूर के साथ हिट थी जोड़ी

फिल्मी पर्दे पर नरगिस और राज कपूर की जोड़ी काफी हिट थी। राज कपूर और नरगिस की जोड़ी ने फिल्मी पर्दे पर आवारा, श्री 420, आग, बरसात, अनाड़ी, अंदाज़, चोरी चोरी समेत कुल 16 फिल्मों में काम किया। दोनों की जोड़ी आज भी फिल्मी पर्दे पर सबसे सफल जोड़ी मानी जाती है। नरगिस और राज कपूर ने आखिरी भी ' जागते रहो ' में काम किया था।

सुनील दत्त से हुई शादी, बचाई थी नरगिस की जान

फिल्म मदर इंडिया के रिलीज़ होने के बाद सुनील दत्त और नरगिस शादी के बंधन में बंध गए। दोनों ने 1958 में शादी कर ली। मदर इंडिया में सुनील दत्त ने नरगिस के बेटे का किरदार निभाया था। कहा जाता है कि फिल्म मदर इंडिया के सेट पर आग लग गई थी। नरगिस आग की लपटों के बीच घिर गईं। तब फिल्म में उनके को - स्टार सुनील दत्त ने अपनी जान की परवाह किए बगैर आग में कूद गए, जिसके बाद नरगिस की जान उन्होंने बचा ली।

नरगिस का राजनीतिक सफर

फिल्मी दुनिया के अलावा नरगिस का नाता राजनीति से भी रहा। राजनीति से नरगिस का नाता अल्पकालिक ही रहा। 1980 में नरगिस को राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया गया। राज्यसभा में अपने पहले भाषण के दौरान नरगिस ने मशहूर निर्देशक सत्यजीत रे की आलोचना करते हुए कहा कि रेे वैसी ही फिल्मों का निर्माण करते हैं, जैसी पश्चिम के देश चाहते हैं। नरगिस ने सत्यजीत रे को अपनी फिल्मों में भारत की नितांत गरीबी का वर्णन करने के बनिस्बत आधुनिक भारत का चित्रण करने की नसीहत दे डाली।

इस फिल्म के बाद नज़र नहीं आईं नरगिस

नरगिस ने आखिरी बार 1967 में आई फिल्म ' रात और दिन ' में काम किया। इसके बाद नरगिस किसी और फिल्म में नजर नहीं आईं। आखिरी बार नरगिस के रियल लाइफ कैरेक्टर को 2018 में आई सुपरहिट फिल्म ' संजू ' में मनीषा कोइराला ने निभाया। नरगिस लंबे समय से कैंसर से जूझती रहीं। 3 मई 1981 को नरगिस का 51 साल की उम्र में निधन हो गया। अपने बेटे संजय दत्त की पहली फिल्म के रिलीज़ से पहले ही नरगिस ने दुनिया को अलविदा कह दिया।

आज भी उतनी ही सुपरहिट हैं नरगिस

नरगिस ने लगभग पूरे तीन दशक तक सिनेमाई जगत पर राज किया। मीना कुमारी और मधुबाला जैसी सफल अभिनेत्रियां भी उस दौर में नरगिस को टक्कर दे रही थीं। लेकिन फिल्मी पर्दे और प्रशंसकों के बीच नरगिस ने अपनी एक अलग पहचान बनाई। जो कि आज तक कायम है। आज भी उनके चाहने वालों की कमी नहीं है। नरगिस आज भी सुपरहिट हैं।