नागालैंड में दिखा दुर्लभ क्लाउडेड तेंदुआ, पलक छपकते ही पहाड़ों और ऊंचें पेड़ों पर चढ़ने में है माहिर

नागालैंड में भारत-म्यांमार सीमा पर जंगल में दिखा तेंदुआ, 3700 मीटर की ऊंचाई पर छिपे क्लाउडेड तेंदुओं की तस्वीरें हो रहीं वायरल, रेड लिस्ट ऑफ थ्रेटड स्पीशीज में आता है यह तेंदुआ

Updated: Jan 08, 2022, 12:54 PM IST

Photo Courtesy: twitter
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नागालैंड के जंगलों में बिग कैट्स फैमिली का एक बेहद दुर्लभ जानवर दिखाई दिया है। यह बादलों की तरह दिखाई देता है, इसलिए जंगलों में आसानी से छिप जाता है। इसके पैर छोटे और पंजे चौड़े होते हैं। यह मजबूत पैरों से पेड़ और पहाड़ों पर चढ़ जाता है। यह पेड़ों पर उल्टा भी लटक सकता है। यह हिरण, सूअर और बंदरों का शिकार करते हैं। इंडियन क्लाउड लेपर्ड का औसत जीवनकाल ग्यारह से सत्रह साल का होता है। इन क्लाउडेड लेपर्ड का साइंटिफिक नाम नियोफेलिस नेबुलोसा है। यह मध्यम आकार की जंगली बिल्ली है। इसे बिग कैट्स में सबसे छोटा कहा जाता है।

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दरअसल दिल्ली बेस्ड एक NGO वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन सोसाइटी ऑफ इंडिया (WPSI) के नेतृत्व में रिसर्चर्स पूर्वी नागालैंड के किफिर जिले में काम कर रहे हैं। जिन्होंने थानामीर गांव के जंगल में 3,700 मीटर की ऊंचाई पर इसे देखा। यहां पर टीम ने 50 से ज्यादा कैमरा ट्रैप की मदद से क्लाउडेड लेपर्ड्स की तस्वीरें रिकॉर्ड की हैं। थानामीर का यह जंगल करीब 65 वर्ग किलोमीटर में फैला है। यह दुर्लभ तेंदुआ पहाड़ की सबसे उंची चोटी माउंट सरमती में दिखाई दिया।

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यह क्लाउडेड तेंदुआ पहली बार नागालैंड के पहाड़ों पर देखा गया है। जंगलों में काम कर रही रिसर्चर्स की एक टीम ने नागालैंड में भारत-म्यांमार बार्डर पर स्थित एक जंगल में इन्हें देखा है। यह तेंदुआ करीब 3,700 मीटर की ऊंचाई पर छिपा था। IUCN ने इस क्लाउडेड लेपर्ड के रेड लिस्ट ऑफ थ्रेटड स्पीशीज में 'असुरक्षित'  याने आसान शिकार के तौर पर क्लासीफाई किया है। जानकारों की मानना है कि ये क्लाउडेड लेपर्ड कम ऊंचाई वाले सदाबहार वर्षावनों में रहते हैं। इन क्लाउडेड तेंदुओं की फोटो रिसर्चर्स ने रिलीज की हैं।