सेमीफाइनल में हारी भारतीय पुरुष हॉकी टीम, ब्रॉन्ज मेडल की उम्मीद अब भी बाकी

भारतीय पुरुष हॉकी टीम को आज सेमीफाइनल में वर्ल्ड चैंपियन बेल्जियम ने 5-2 से हरा दिया है, हालांकि पुरुष हॉकी में मेडल की उम्मीद अब भी बाकी है

Updated: Aug 03, 2021, 04:03 AM IST

Photo Courtesy: ABP
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नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक के पहले सेमीफाइनल मैच में भारतीय पुरुष हॉकी टीम को हार मिली है। भारतीय टीम को आज हुए मुकाबले में वर्ल्ड चैंपियन बेल्जियम ने 5-2 से हरा दिया। इस हार के साथ ही भारत गोल्ड या सिल्वर मेडल की रेस से बाहर आ गया है। हालांकि, ब्रॉन्ज मेडल की उम्मीद अब भी बरकरार है।

मैच के पहले क्वार्टर में शानदार शुरुआत करते हुए भारतीय टीम ने दो गोल के साथ बेल्जियम पर बढ़त बना ली थी। बेल्जियम की टीम पहले क्वार्टर तक 1 गोल के साथ भारत से पीछे चल रही थी। हालांकि इसके बाद बेल्जियम की टीम ने शानदार वापसी करते हुए भारतीय टीम को कोई मौका ही नहीं दिया। हाफ टाइम तक बेल्जियम की टीम एक गोल दागकर मुक़ाबले को बराबरी पर ले आई।

मैच के तीसरे क्वार्टर में हालांकि दोनों टीमों की तेजी में कमी आई और कोई गोल नहीं हुआ। लेकिन चौथे क्वार्टर में बेल्जियम ने एक के बाद एक तीन गोल दागे और जीतने में कामयाब हुई। इस पूरे मैच में बेल्जियम को 14 पेनाल्टी कॉर्नर मिले। इसमें उन्होंने तीन को गोल में बदला। भारत ने लगातार 4 मैच जीते थे, लेकिन सेमीफाइनल में टीम इस प्रदर्शन को नहीं दोहरा सकी। अब बेल्जियम को पहले ओलंपिक गोल्ड मेडल का इंतजार है।

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भारतीय हाॅकी टीम ने इस बार ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया था, जिससे लोगों की उम्मीदें काफी बढ़ गई थी। हॉकी में भारत का कमबैक माना जा रहा था चूंकि देश ने आखिरी बार साल 1980 में मेडल जीता था। तब टीम को गोल्ड मेडल मिला था। इससे पहले भारतीय टीम ने साल 1928, 1932, 1936, 1948, 1952, 1956, 1964 और 1980 में गोल्ड मेडल जीता है। इसके अलावा 1960 में सिल्वर जबकि 1968 और 1972 में ब्रॉन्ज मेडल मिला। 1980 के बाद 41 वर्षों से भारत पदक की इंतजार में है। अब इसबार टोक्यो ओलंपिक में टीम को अधिक से अधिक ब्रॉन्ज मेडल ही मिल सकता है।