ब्रिटेन की सात साल की बच्ची ने रचा इतिहास, एलिजाबेथ नॉर्मन का बनाया स्टिकर चांद पर भेजा जाएगा

एलिजाबेथ एक राइजिंग एस्ट्रोनॉट हैं, कुछ दिनों पहले उन्होंने एक अपना रॉकेट लॉन्च भी किया था, जिसका नाम 'वल्केन सेंचोर' है, अब उनका बनाया एक स्टीकर चांद पर भेजा जा रहा है, जिसे एस्ट्रो लिज लैब के टाइम कैप्सूल में रखा जाएगा, वह ऐसा करने वाली दुनिया की पहली बच्ची हैं

Updated: May 12, 2021, 02:25 PM IST

Photo courtesy: twitter
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ब्रिटेन की रहने वाली 7 साल की एलिजाबेथ नॉर्मन के बारे में आज हर कोई जानने को उत्सुक है, और हो भी क्यों ना, उन्होंने महज सात साल की उम्र में काम ही ऐसा किया है। वे राइजिंग एस्ट्रोनॉट हैं, एलिजाबेथ नॉर्मन दुनिया की पहली बच्ची हैं जिनका बनाया एक स्टीकर चांद पर भेजा जा रहा है।

 

इनके बनाए स्टिकर को 1972 में चांद पर भेजे गए ‘एस्ट्रो लिज लैब’ के टाइम कैप्सूल में रखा जाएगा। बेटी के नाम दर्ज होने वाली इस उपलब्धी के बारे में उनकी मां का कहना है कि मार्स रोवर की लैंडिंग के बाद नॉर्मन का इंट्रेस्ट स्पेस साइंस की तरफ बढ़ा।

 

उनकी मां ने बताया कि एलिजाबेथ ने इसी साल अपना रॉकेट लॉन्च किया है। जिसका नाम 'वल्केन सेंचोर' रखा है। यह रॉकेट 7 फीट का कार्डबोर्ड से बनाया गया एक मॉडल है। एलीजाबेथ के 'वल्केन सेंचोर' मॉडल को अमेरिकन स्पेस क्राफ्ट लॉन्च सर्विस प्रोवाइडर, यूनाइटेड लॉन्च एलियांस द्वारा डेलवप किया गया है।

एलीजाबेथ नॉर्मन सोशल मीडिया पर भी एक्टिव हैं। उनका सोशल मीडिया चैनल है जिसे उन्होंने 'एस्ट्रो लिज लैब' नाम दिया है। वे अक्सर अपने साइंस से जुड़े एक्सपेरिमेंट्स अपने चैनल पर पोस्ट करती रहती हैं। कुछ दिनों पहले ही एलीजाबेथ ने पांच हफ्ते का प्रोग्राम 'वर्चुअल मिशन टू मार्स' पूरा किया है। जिसे नासा ने कंडक्ट किया था।

एलीजाबेथ में एट्रोनॉट बनने की सारी खूबियां हैं। अभी से उनके बारे में कहा जाने लगा है कि वे दुनिया भर के यूथ के लिए रोल मॉडल बनेंगी। नासा ने भी एलिजाबेथ के स्पेस के लिए किए प्रयास की सराहना की है। उनके प्रवक्ता की मानें तो एलीजाबेथ के बनाए स्टिकर को चांद पर भेजते हुए फक्र महसूस हो रहा है। वहीं अपनी इस उपब्धी से एलिजाबेथ भी खुश हैं, उन्हें उम्मीद है कि एक दिन वह खुद चंद्रमा पर जाएगी और वहां अपना बनाया स्टिकर देखेंगी।