परसा कोल ब्लॉक पर भूपेश सरकार का बड़ा फैसला, केंद्र से की खदान के लिए मंजूरी रद्द करने की मांग

छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य स्थित परसा कोल ब्लॉक को लेकर चल रहे प्रदर्शन के बीच छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने खदान के लिए मंजूरी रद्द करने की मांग की है।

Updated: Nov 02, 2022, 09:29 AM IST

हसदेव। छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य स्थित परसा कोल ब्लॉक पर भूपेश बघेल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। लंबे समय से चल रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए राज्य सरकार ने खदान के लिए दी गई वन स्वीकृति को रद्द कराने की मांग की है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर खदान के लिए दी गई वन भूमि के डायवर्शन की अनुमति को निरस्त करने का आग्रह किया है।

वन विभाग के अवर सचिव केपी राजपूत ने सोमवार को केंद्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में वन महानिरीक्षक को एक पत्र लिखा है। इसमें कहा गया कि हसदेव अरण्य कोल फील्ड में व्यापक जनविरोध के कारण कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हो गई है। ऐसे में जनविरोध, कानून व्यवस्था और व्यापक लोकहित को ध्यान में रखते हुए 841 हेक्टेयर की परसा खुली खदान परियोजना के लिए जारी वन भूमि डायवर्शन स्वीकृति को निरस्त करने का कष्ट करें। 

बता दें कि इससे पहले सरकार ने विधानसभा में आये एक अशासकीय संकल्प का समर्थन किया था। इसमें केंद्र सरकार से हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खदान परियोजनाओं का आवंटन निरस्त करने की गई थी। बहरहाल, भूपेश सरकार के इस निर्णय का प्रदर्शन कर रहे लोगों ने स्वागत किया है। 

छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के आलोक शुक्ला ने कहा, इसे संघर्ष की जीत की दिशा में इसे देखना चाहिए। लेकिन हसदेव को बचाने के लिए यह कम है। परसा कोल ब्लॉक की वन स्वीकृति ग्रामसभा के फर्जी प्रस्ताव के आधार पर हासिल की गई थी। यदि केंद्र सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो राज्य सरकार तत्काल वन स्वीकृति को निरस्त करे। जब तक हसदेव की खनन परियोजनाएं रद्द नहीं होती आंदोलन जारी रहेगा।