छत्तीसगढ़ में किसान न्याय योजना की अंतिम किस्त जारी, राहुल बोले, किसानों का हक मार रही मोदी सरकार

छत्तीसगढ़ के किसानों को आज दी गई राजीव गांधी किसान न्याय योजना की अंतिम किस्त, 19 लाख किसानों के खाते में भेजे गए 1200 करोड़ रुपए

Updated: Mar 21, 2021, 10:34 AM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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रायपुर। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने आज राजीव गांधी किसान न्याय योजना की अंतिम किस्त जारी कर दी। सीएम बघेल ने एक कार्यक्रम के दौरान एक क्लिक से पंजीकृत किसानों के खातों में करीब 1200 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में शामिल हुए।

राहुल गांधी ने इस मौके पर केंद्र पर निशाने साधते हुए आरोप लगाया कि की मोदी सरकार किसानों का हक़ मार रही है। राहुल गांधी ने कहा, देश के किसान संकट में हैं। केन्द्र सरकार किसानों का हक मारकर पूंजीपतियों और उद्योगपतियों को लाभ पहुंचा रही है। इसके उलट छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार किसानों, गरीबों, मजदूरों, महिलाओं, युवाओं और छोटे व्यापारियों की मदद और उनके हितों का संरक्षण कर रही है।' राहुल ने भूपेश बघेल सरकार की तारीफ करते हुए कहा, 'छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का काम किया है।'

समारोह के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उन्होंने किसानों से किए सभी वादों को पूरा किया है। उन्होंने कहा, 'छत्तीसगढ़ सरकार वादा करके भूलने वाली नहीं, बल्कि वादा पूरा करने वाली सरकार है। मुझे इस बात की खुशी है कि हमने छत्तीसगढ़ के किसानों से कर्जमाफी, सिंचाई कर माफी और उनकी उपज का पूरा दाम दिलाने का वायदा पूरा किया है। हमारी गोधन न्याय योजना की सराहना पूरे देश में हो रही है। लोकसभा की समिति ने भी गोधन न्याय योजना की तारीफ की है और इसे पूरे देश में लागू करने का सुझाव दिया है।'

19 लाख किसानों को हुआ फायदा

राज्य सरकार ने आज करीब 19 लाख किसानों के खातों में 1 हजार 104 करोड़ 27 लाख रुपए की राशि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किश्त के रूप में जारी की है। इसी के साथ किसानों को इस साल दी गई कुल राशि बढ़कर 5 हजार 628 करोड़ रुपए तक जा पहुंची है। उधर, गोधन न्याय योजना के तहत 1 लाख 62 हजार से अधिक पशुपालकों और गोबर विक्रेताओं को बीते एक महीने में क्रय किए गए गोबर के एवज में 7 करोड़ 55 लाख रुपए की राशि दी गई है। 20 जुलाई 2020 से शुरू हुई इस योजना में अब तक 88 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।