स्लीपर कोच में सफ़र कर राहुल गांधी ने चौंकाया, 47 हज़ार परिवारों के लिए आवास न्याय योजना का किया शुभारंभ

छत्तीसगढ़ दौरे पर पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को बिलासपुर से रायपुर तक 117 किलोमीटर तक का सफर स्लीपर कोच में आम यात्रियों के साथ किया।

Updated: Sep 25, 2023, 11:14 PM IST

रायपुर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को छत्तीसगढ़ के दौरे पर पहुंचे। यहां राहुल बिलासपुर के परसदा में आवास न्याय सम्मेलन में शामिल हुए। राहुल गांधी ने भूपेश बघेल सरकार की 'छत्तीसगढ़ ग्रामीण आवास न्याय योजना' का शुभारंभ किया। साथ ही प्रदेश के 47,000 से ज्यादा परिवारों को अपने पक्के आवास के लिए पहली किस्त के रूप में करीब 118 करोड़ रुपए की सौगात भी दी। इसके बाद राहुल गांधी ने एक जनसभा को भी संबोधित किया। रायपुर से वह सड़क मार्ग से बिलासपुर गए लेकिन, लौटते समय ट्रेन से रायपुर पहुंचे। बिलासपुर से रायपुर लौटते वक्त कांग्रेस के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी आम लोगों की तरह स्लीपर कोच में बैठे दिखे।

बिलासपुर से रायपुर तक 117 किलोमीटर तक का सफर उन्होंने स्लीपच में ही किया। इस दौरान पैसेंजर्स से उनकी समस्याओं पर बातचीत और ट्रेन में मौजूद महिला हॉकी खिलाड़ियों से भी उनका वार्तालाप हुआ। राहुल गांधी उनकी ट्रेनिंग और उनको मिल रही सुविधाओं के बारे में भी पूछा। राहुल गांधी की ट्रेन से सफर करने की तस्वीर और वीडियो सामने आया है। ट्रेन में वह आम लोगों के बीच बैठकर उनसे बातचीत करते हुए नजर आ रहे हैं। 

राहुल गांधी के साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा, पार्टी के प्रदेश प्रमुख दीपक बैज और अन्य नेता भी ट्रेन से सफर करते हुए नजर आए। कांग्रेस के सर्वमान्य नेता राहुल गांधी और पूरी छत्तीसगढ़ सरकार को अपने बीच पाकर ट्रेन के यात्रियों में गजब का उत्साह देखने को मिला। राहुल गांधी ने इस दौरान यात्रियों से उनकी समस्याओं पर बात की और निराकरण का आश्वासन भी दिया।

इससे पहले राहुल ने बिलासपुर में सभा कर कहा कि मोदी जी, अडाणी-अंबानी के जहाज में जाते हैं, आखिर ये रिश्ता क्या है? मैंने जब इस रिश्ते के बारे में पूछा तो मेरी लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई। मैंने पूछा कि डिफेंस में, एयरपोर्ट में, किसानों के काले कानून में अडाणी को फायदा दिलाने की कोशिश की गई। आखिर ऐसा क्यों हुआ? किस रिश्ते के तहत ये फायदे पहुंचाए गए? हिंदुस्तान की सरकार को विधायक-सांसद नहीं चलाते, बल्कि कैबिनेट सेक्रेटरी और सेक्रेटरी चलाते हैं। 90 सेक्रेटरी हैं, वो योजना डिजाइन करते हैं। रुपया कहां जाएगा, ये डिसाइड करते हैं।

राहुल गांधी ने आगे कहा, 'जातिगत जनगणना हिंदुस्तान का एक्सरे है। इससे पता लग जाएगा कि देश में ओबीसी कितने हैं। आदिवासी कितने हैं। सामान्य वर्ग से कितने हैं। एक बार आंकड़ा आ जाएगा, तो देश सबको लेकर आगे चल पाएगा। महिलाओं को भागीदारी देनी है, सबको भागीदारी देनी है तो जातिगत जनगणना करानी होगी। नरेंद्र मोदी जी जहां भी जाते हैं, ओबीसी वर्ग की बात करते हैं, कांग्रेस पार्टी ने कॉस्ट सेंसेस किया था, उसमें हिंदुस्तान में हर जाति के कितने लोग हैं, ये डेटा सरकार के पास पड़ा हुआ है।'

राहुल गांधी ने आगे कहा, 'नरेंद्र मोदी जी वो डेटा पब्लिक को दिखाना नहीं चाहते हैं। जैसे ही मैं लोकसभा में कास्ट सेंसेस की बात करता था, तो कैमरा उधर हो जाता था। मैंने आंकड़े निकाले, हिंदुस्तान की सरकार को एमएलए एमपी नहीं चलाते हैं, सेक्रेटरी और कैबिनेट सेक्रेटरी चलाते हैं। जो 90 सेक्रेटरी हैं वो डिसाइड करते हैं। मैंने चेक किया कि नरेंद्र मोदी जी की सरकार में 90 लोगों में से सिर्फ 3 लोग ओबीसी समाज से हैं। क्या हिंदुस्तान में 5 परसेंट लोग ओबीसी हैं, इस सवाल का जवाब कास्ट सेंसेस से मिल सकता है।'