राजीव गांधी किसान न्याय योजना: 22 लाख किसानों के खाते में आज आएगा पैसा, सीएम बघेल भेजेंगे 1500 करोड़

मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से दी जानकारी के मुताबिक सीएम भूपेश बघेल अपने मंत्रीमण्डल के साथ दोपहर 12 बजे अपने निवास कार्यालय में इसके लिए एक कार्यक्रम रखा गया है।

Updated: May 21, 2021, 04:39 AM IST

Photo courtesy: bhaskar
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रायपुर। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार आज पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर 1500 करोड़ रुपए की राशि किसानों के सीधे खाते में देने जा रही है। यह राशि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी राजीव गांधी किसान न्याय की पहली किस्त होगी। राज्य सरकार की तरफ से इस योजना को पिछले वर्ष शुरू किया गया  था। अब यह योजना दूसरे वर्ष में प्रवेश कर गई है।


सीएम कार्यालय की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक सीएम भूपेश बघेल अपने मंत्रीमण्डल के साथ दोपहर 12 बजे अपने निवास कार्यालय में इसके लिए एक कार्यक्रम रखा गया है। कार्यक्रम का प्रारंभ दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया जाएगा। वहीं, इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल होंगे।


कार्यक्रम के उपरांत 22 लाख किसानों के खाते में कृषि इनपुट सहायता की पहली किस्त भेजी जाएगी। पहली किश्त में 1500 करोड़ रुपये किसानों के खाते में डाले जाएंगे।  इसके साथ ही गोधन न्याय योजना के तहत 15 मार्च से 15 मई तक पशुपालकों से गोबर खरीदी की राशि 7 करोड़ 17 लाख रुपए और गौठान समितियों व महिला स्व-सहायता समूहों को 3 करोड़ 6 लाख रुपए भी ऑनलाइन ट्रांसफर किए जाएंगे।
सीएम कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, कार्यक्रम में जिलों के सांसद, विधायक, व मंत्री, किसान और पशुपालक भी  वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ेंगे। 

गौरतलब है कि धान उत्पादक किसानों को बोनस बंद होने के बाद राज्य सरकार ने 21 मई 2020 को राजीव गांधी की पूण्यतिथि पर किसान न्याय योजना शुरू की थी। इसके तहत खरीफ सीजन 2019-20 में पंजीकृत लगभग 19 लाख किसानों को कृषि आदान सहायता के रूप में 5 हजार 628 करोड़ रुपए की सहायता राशि दी गई थी। वहीं, इस वर्ष इस योजना के लिए 5 हजार 800 करोड़ रुपए  बजट दिया गया है।

भूपेश सरकार ने पिछले वर्ष गोबर  खरीदी योजना का शुभारंभ किया था। इसे गोधन न्याय योजना नाम दिया गया था। इसके तहत राज्य के पशुपालकों एवं ग्रामीणों को अब तक कुल 88 करोड़ 15 लाख रुपये का भुगतान किया गया है।