Corona Effect: बंदरगाहों पर माल ढुलाई में 18 फीसदी की कमी
केंद्र सरकार के नियंत्रण वाले 12 मुख्य बंदरगाहों पर कोरोना की आर्थिक मार। चेन्नई, कोच्चि और कामराजार बंदरगाहों पर माल ढुलाई में 30 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट।

नई दिल्ली।कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश के प्रमुख बंदरगाहों पर माल ढुलाई में काफी गिरावट आई है। भारतीय बंदरगाह संघ (आईपीए) के अनुसार चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से जुलाई की अवधि के दौरान प्रमुख बंदरगाहों पर माल ढुलाई (माल चढ़ाना और उतारना) 18.06 प्रतिशत घटकर 19.33 करोड़ टन रह गई।
केंद्र सरकार के नियंत्रण वाले इन 12 प्रमुख बंदरगाहों पर जुलाई में माल ढुलाई में लगातार चौथे महीने गिरावट आई है। मोरमुगाव को छोड़कर सभी बंदरगाहों की वृद्धि नकारात्मक रही है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इन बंदरगाहों की माल ढुलाई 23.60 करोड़ टन रही थी।
चालू वित्त वर्ष के पहले चार माह में चेन्नई, कोच्चि और कामराजार बंदरगाहों पर माल ढुलाई में 30 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई। वहीं, कोलकाता और जेएनपीटी पर माल ढुलाई में 20 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई।
केंद्र सरकार के नियंत्रण में 12 मुख्य बंदरगाह हैं। इन बंदरगाहों में दीनदयाल (पुराना नाम कांडला), मुंबई, जेएनपीटी, मोरमुगाव, न्यू मंगलुरु, कोच्चि, चेन्नई, कामराजार (एन्नोर), वीओ चिदंबरनार, विशाखापट्टनम, पारादीप और कोलकाता (हल्दिया सहित) शामिल हैं। बीते वित्त वर्ष में इन बंदरगाहों पर 70.5 करोड़ टन की माल ढुलाई हुई।
आईपीए ने कहा कि अप्रैल-जुलाई में चेन्नई बंदरगाह पर माल ढुलाई 32.53 प्रतिशत गिरकर 1.10 करोड़ टन टन रही। कामराजार बंदरगाह पर माल ढुलाई 35.64 प्रतिशत घटकर 70 लाख टन रह गई। कोच्चि बंदरगाह पर माल ढुलाई 32.78 प्रतिशत घटकर 77.6 लाख टन रही। जेएनपीटी पर यह 27.69 प्रतिशत गिरकर 1.69 करोड़ टन, जबकि कोलकाता बंदरगाह पर ढुलाई 26.09 प्रतिशत घटकर 1.60 करोड़ टन और मुंबई में 19.79 प्रतिशत घटकर 1.58 करोड़ टन रही।
कोविड-19 महामारी की वजह से कंटेनर, कोयला, पेट्रोलियम, तेल और लुब्रिकेंट (पीओएल) तथा कुछ अन्य जिंसों की ढुलाई में अच्छी-खासी गिरावट आई है।