देश में एक बार फिर नोटबंदी, दो हजार रूपए के नोट वापस लेगी RBI, 30 सितंबर के बाद हो जाएंगे बेकार

आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को सलाह दी है कि वे तत्काल प्रभाव से 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंकनोट जारी करना बंद करें।

Updated: May 19, 2023, 09:47 PM IST

नई दिल्ली। देश में एक बार फिर से नोटबंदी की गई है। आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को सलाह दी है कि वे तत्काल प्रभाव से 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंकनोट जारी करना बंद करें। आरबीआई के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि दो हजार का नोट नोटबंदी के मूर्खतापूर्ण निर्णय को छिपाने के लिए लाया गया था।

RBI ने बैंकों को 23 मई से 30 सितंबर तक 2000 के नोट लेकर बदलने के निर्देश दिए हैं। एक बार में अधिकतम बीस हजार रुपए कीमत के नोट ही बदले जाएंगे। साथ ही अब से कोई भी बैंक 2000 के नोट इश्यू नहीं करेंगे। आरबीआई ने कहा है कि यह नोट 30 सितंबर तक कानूनी रूप से वैध रहेंगे।

RBI के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने ट्वीट किया, "मुझे ऐसी ही उम्मीद थी कि आरबीआई दो हजार रुपये का नोट वापस लेगी। हमने नवंबर 2016 में ही कहा था और हम सही भी साबित हुए। 2 हजार रुपये का नोट नोटबंदी के 500 और 1000 हजार रुपये के नोट को बंद करने के मूर्खतापूर्ण निर्णय को छिपाने के लिए लाया गया था। मुझे बिल्कुल आश्चर्य नहीं होगा कि आरबीआई 1000 रुपये का नोट भी वापस चलन में लेकर आ जाए।"

बता दें कि पिछले कुछ महीने से मार्केट में 2000 रुपये के नोट कम नजर आ रहे थे। लोगों का कहना था कि एटीएम से भी 2000 रुपये नोट नहीं निकल रहे हैं। बैंकों के पास भी दो हजार के नोट नहीं थे। वहीं, अधिकांश एटीएम मशीनों से भी दो हजार के नोटों का ट्रे निकाल लिया गया था। दो हजार के नोटों के अचानक से गायब होने का मुद्दा संसद में भी उठा था। हालांकि, तब केंद्र सरकार ने सफाई देते हुए कहा था कि वित्त वर्ष 2019-20, वित्त वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2021-22 में 2000 रुपये के एक भी नोट नहीं छापे गए हैं। इस वजह से बाजार में 2000 रुपये के नोटों का चलन कम हुआ है। मगर सरकार ने यह नहीं बताया कि पहले से चलन में रहे नोट कहां गए। वित्त वर्ष 2017-18 में बाजार में 2000 के कुल 33,630 लाख नोट चलन में थे। इनका कुल मूल्य 6.72 लाख करोड़ रुपए था। ऐसे में सवाल ये है कि 6 लाख 72 हजार करोड़ रुपए मूल्य के नोट कहां गए?

गौरतलब है कि नवंबर 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रातों-रात 1,000 और 500 रुपये के नोटों को बंद करने का ऐलान किया था। इसके बाद रिजर्व बैंक ने 2,000 रुपये के नोट की छपाई शुरू की थी। 2016 की नोटबंदी के समय केंद्र सरकार का दावा था कि भ्रष्टाचारियों के पास से काला धन वापस आएगा। पूरी कवायद में काला धन तो बाहर नहीं आया उल्टा नोट बदलने के लिए कतार में खड़े सैंकड़ों आम लोगों की मृत्यु हो गई। बिजनेस और व्यवसाय ठप हो गए। लाखों लोगों की नौकरियां चली गयीं और करोड़ों लोगों के समक्ष रोजगार का संकट खड़ा हो गया था। 

यह भी पढ़ें: ग्वालियर में गोडसे जयंती मनाने की शर्मनाक कोशिश, हत्यारे के अनुयायियों ने पुलिस के साथ की झूमाझटकी

भारतीय अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी का बेहद बुरा असर पड़ा था। साल 2016 में की गई नोटबंदी का उद्देश्य आज भी अर्थशास्त्रियों के बीच गंभीर मुद्दा  है। इसी बीच अब एक बार फिर आरबीआई ने दो हजार के नोट वापस लेने का ऐलान किया है। इससे पहले खबर आई थी की नोटबंदी के समय जारी नए 500 और 2000 के नोटों में अब 9.21 लाख करोड़ रुपए गायब हो गए हैं। इनमें दो हजार के नोट सर्वाधिक हैं। नोटबंदी के समय ही एक्सपर्ट्स ने केंद्र को चेताया था कि दो हजार के नोटों को चलन में लाने से भ्रष्टाचार में कमी होने की बजाए वृद्धि होगी। बावजूद दो हजार के नोट चलन में लाए गए और अब 6 साल बाद इसे वापस लिया जा रहा है।