ग्वालियर में गोडसे जयंती मनाने की शर्मनाक कोशिश, हत्यारे के अनुयायियों ने पुलिस के साथ की झूमाझटकी

हिंदू महासभा के कार्यकर्ता नाथूराम गोडसे की पूजा का कार्यक्रम करने जा रहे थे, उसी दौरान उन्हें पुलिस ने रोक दिया। कार्यकर्ता गोडसे की आरती के साथ पूजा करने पर अड़ गए और पुलिस के साथ झूमाझटकी करने लगे।

Updated: May 19, 2023, 07:15 PM IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में शुक्रवार को एक बार फिर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे  के महिमामंडन की शर्मनाक कोशिशें हुई। यहां कट्टरपंथी संगठन हिंदू महासभा के लोग गोडसे की 114वीं जयंती मनाने के लिए इकट्ठे हुए थे। हैरानी कि बात ये है कि हत्यारे गोडसे के अनुयायियों को पुलिस ने जब रोकना चाहा तो वे पुलिसकर्मियों के साथ भी झूमाझटकी करने लगे। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।

जानकारी के मुताबिक दौलतगंज स्थित हिंदू महासभा कार्यालय के बाहर कट्टरपंथी लोग महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की तस्वीर लेकर नारेबाजी कर रहे थे। इस दौरान उन्हें रोकने के लिए मौके पर पुलिस पहुंच गई है। पुलिस जब हिंदू महासभा कार्यकर्ताओं के हाथ से नाथूराम गोडसे की तस्वीर छीनने लगी तो दोनों पक्षों में टकराव की स्थिति बन गई। पुलिस ने बल प्रयोग कर हिंदू महासभा कार्यकर्ता के हाथ से नाथूराम गोडसे की तस्वीर छीन ली।

यह भी पढ़ें: पतंजलि के दिव्य दंत मंजन में कटलफिश बोन का इस्तेमाल, रामदेव की कंपनी को मिला लीगल नोटिस

पुलिस ने आरोपियों से कहा कि आप खुले में नाथूराम गोडसे की तस्वीर नहीं ले जा सकते। इसके बाद पुलिस ने फोटो को लेकर एक कागज में पैक कर दिया। हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. जयवीर भारद्वाज ने इस घटना को कहा कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं। शिवराज सरकार हमें गोडसे जयंती भी मनाने नहीं दे रही है। भारद्वाज के मुताबिक उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर देशभर में गोडसे की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की है।

कोतवाली ग्वालियर के थाना प्रभारी दामोदर गुप्ता ने कहा कि आज कुछ लोगों द्वारा गोडसे का जन्मदिन मनाए जाने की सूचना थी। इसी को लेकर हम टीम के साथ मौके पर पहुंचे और किसी भी तरह का आयोजन नहीं होने दिया। सार्वजनिक तौर पर इस तरह का कोई कार्यक्रम नहीं करने दिया जाएगा। मामला सामने आने के बाद हिंदू महासभा पर बैन लगाने की मांग उठने लगी है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत ने कहा कि मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार आने पर हिंदू महासभा को बैन करना चाहिए। इसके लिए उन्होंने पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भैया को ज्ञापन भी सौंपा है।

यह भी पढ़ें: अगर पढ़ गया गरीब का बच्चा, तो चौथी पास राजा का महल हिल जाएगा, तिहाड़ जेल से सिसोदिया ने लिखी कविता

यह पहली बार नहीं है जब ग्वालियर में इस तरह के आयोजन हुए हैं। हिंदू महासभा के लोग हर साल गांधी जयंती व अन्य मौकों पर इस तरह के शर्मनाक आयोजन करते हैं। साल 2017 तो यहां गोडसे का मंदिर स्थापित करने की भी कोशिश हो चुकी है। अब सवाल यह उठता है कि क्या महात्मा गांधी के देश में अब उनके हत्यारे गोडसे की गाथा गाई जाएगी? देश के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे का मंदिर बनाया जाएगा? सवाल यह भी है कि क्या मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार इस तरह की हरकतों को सही मानती है? अगर नहीं तो इन कट्टरपंथियों के खिलाफ कभी सख्त कार्रवाई क्यों नहीं करती? 

हिंसा की विचारधारा को न सिर्फ जायज ठहराने, बल्कि उसके महिमामंडन की ऐसी शर्मनाक कोशिशें सरकार और प्रशासन द्वारा सख्त एक्शन नहीं लेने के कारण ही बार-बार की जाती हैं। जिस गोडसे को आज़ादी की लड़ाई के दौरान अंग्रेजों पर कभी गुस्सा नहीं आया, उसने देश की आज़ादी के महानायक और तमाम स्वतंत्रता सेनानियों के आदर्श बापू की हत्या कर दी। फिर भी कुछ कट्टरपंथी इन कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को गलत जानकारियों के भ्रमजाल और नफरत की भावना में उलझाना चाहते हैं।