थोक डीजल के दाम में 25 रुपए प्रति लीटर का इजाफा, खुदरा पंप बंद होने की आशंका

मुंबई में थोक उपभोक्ताओं के लिए डीजल के दाम बढ़कर 122.05 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं, लेकिन पेट्रोल पंपों पर डीजल 94.14 रुपये प्रति लीटर के भाव बिक रहा है, ऐसे में खुदरा पेट्रोल पंप बंद होने की आशंका है

Updated: Mar 20, 2022, 11:28 AM IST

नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के रेट में इजाफे का असर अब भारतीय बाजारों में भी दिखने लगा है। भारत के रिटेल कस्टमर्स पर तो अबतक महंगाई का हथौड़ा नहीं चला है, लेकिन बल्क यूजर्स को बड़ा झटका लगा है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने बल्क यूजर्स के लिए डीजल के दाम में 25 रुपये प्रति लीटर का इजाफा कर दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी देते हुए बताया गया है कि थोक ग्राहकों को बिक्री वाला डीजल अब 25 रुपये प्रति लीटर महंगा  मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में 40 प्रतिशत के उछाल के बाद यह कदम उठाया गया है। हालांकि पेट्रोल पंपों के जरिये बेचे जाने वाले डीजल की खुदरा कीमतों में फिलहाल कोई बदलाव नहीं हुआ है।

जानकारी के मुताबिक पेट्रोल पंपों की बिक्री में भी अचानक से 20 प्रतिशत का उछाल आया है। माना जा रहा है कि यह इसलिए हो रहा है क्योंकि थोक उपभोक्ताओं ने पेट्रोल पंपों से खुदरा ईंधन खरीदना शुरू कर दिया है। आमतौर पर वे पेट्रोलियम कंपनियों से सीधे ईंधन की खरीद करते हैं। इससे ईंधन की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनियों का नुकसान बढ़ गया है। बताया गया कि सबसे अधिक प्रभावित नायरा एनर्जी, जियो-बीपी और शेल जैसी कंपनियां हुई हैं। बिक्री बढ़ने के बावजूद इन कंपनियों ने अभी तक सप्लाई में कमी नहीं की है।

जानकार बता रहे हैं कि ऐसी स्थिति में अब पेट्रोल पंपों के लिए परिचालन आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं रह जाएगा। यानी ये कंपनियां खुदरा व्यापार बंद कर सकती हैं। 2008 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बिक्री घटकर शून्य पर आने के बाद अपने सभी 1,432 पेट्रोल पंप बंद कर दिए थे। बता दें कि मुंबई में थोक उपभोक्ताओं के लिए डीजल का दाम बढ़कर 122.05 रुपये प्रति लीटर हो गया है, जबकि पेट्रोल पंपों पर डीजल 94.14 रुपये प्रति लीटर के भाव बिक रहा है।

इसी तरह दिल्ली में पेट्रोल पपों पर डीजल 86.67 रुपये प्रति लीटर है जबकि थोक या औद्योगिक ग्राहकों के लिए इसकी कीमत 115 रुपये प्रति लीटर है। दरअसल, भारत में चार नवंबर, 2021 से पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं। हालांकि, इस दौरान वैश्विक स्तर पर ईंधन कीमतों में काफी उछाल आया है। माना जा रहा है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में लाभ लेने के लिए सरकार ने ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होने दिया।

विधानसभा चुनाव के नतीजे भी 10 मार्च को आ गए हैं, और बीजेपी को चार राज्यों में बहुमत मिली है। लेकिन उसके बाद भी विपक्ष के हमलावर रुख और संसद के बजट सत्र चालू होने की वजह से सरकार ने फिलहाल कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होने दी है। थोक उपभोक्ताओं के लिए जो रेट हैं उससे पेट्रोल पंप के कीमतों में 25 रुपये के अंतर हैं। इस वजह से थोक उपभोक्ता पेट्रोल पंपों से ईंधन खरीद रहे हैं, पूर्व की तरह वे पेट्रोलियम कंपनियों से सीधे टैंकर बुक नहीं कर रहे हैं। इससे पेट्रोलियम कंपनियों का नुकसान और बढ़ गया है।

कौन होते हैं थोक उपभोक्ता

डिफेंस, रेलवे एंड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन, पावर प्लांट, सीमेंट प्लांट और केमिकल प्लांट मुख्य रूप से थोक उपभोक्ताओं में शामिल हैं। ऑयल मार्केटिंग कंपनियां ज्यादा वॉल्यूम में तेल की खपत वाले ग्राहकों की जरूरतों को अलग से Cater करती हैं। कंपनियां इन कस्टमर्स के लिए ऑयल के स्टोरेज और हैंडलिंग के लिए खास तौर से व्यवस्था करती है।