मुगलों को अक्रांता कहने पर भड़के नसीरूद्दीन शाह, बोले फिर ताजमहल और लाल किला भी तोड़ो

शाह ने कहा कि अकबर कोई तानाशाह है ना कोई खलनायक  

Updated: Feb 24, 2023, 11:25 AM IST

मुंबई। फिल्मी दुनिया के जाने माने कलाकार नसीरुद्दीन शाह एक बार फ़िर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में है। शाह की अपकमिंग सीरिज ताज़ डिवाइडेड बाई ब्लड में नसीरुद्दीन शाह मुगल सम्राट का किरदार निभा रहे हैं। उन्होंने अपनी फिल्म की प्रोमोशन के दौरान कहा कि मुगलों को खलनायक नहीं बनाया जाना चाहिए क्योंकि वे आक्रमणकारी नहीं थे। अगर ऐसा है तो ताज़महल को गिरा दो, लालकिले को तोड़ दो।  

दरअसल, मीडिया द्वारा मुगलों पर पूछे गए सवाल पर शाह ने मुगलों का समर्थन करते हुए कहा कि मुगलों ने उत्तर भारत के एक बड़े हिस्से पर 1526 से लेकर लगभग तीन शताब्दियों तक शासन किया, मगर उनका पीक टाइम 17वीं शताब्दी रहा। मगर पिछले कुछ सालों में, देश में ऐसा नेरेटिव सेट हो गया कि दूसरे आक्रांताओं की तरह मुगल भी क्रूर थे और उन्होंने हमारी संस्कृत को खराब ही किया है। अब तो कई लोग भारत में उनके योगदान पर सवाल उठाते रहते हैं।


उन्होंने आगे बोलते हुए कहा कि यह मुझे बहुत हैरान करता है, क्योंकि ये बहुत ही हास्यास्पद है। मेरा मतलब है, लोग अकबर और नादिर शाह या बाबर के परदादा तैमूर जैसे जानलेवा आक्रमणकारी के बीच अंतर नहीं बता सकते। ये वो लोग थे जो यहां लूट करने आए थे, मुगल यहां लूट करने नहीं आए थे। वे इसे अपना घर बनाने के लिए यहां आए थे और उन्होंने यही किया। उनके योगदान को कौन नकार सकता है?'

शाह ने आगे कहा कि हो सकता है कि मुगलों का अधिक महिमामंडन किया गया हो, लेकिन उन्हें खलनायक बनाने की भी जरूरत नहीं है। तो लोग जो कह रहे हैं वह कुछ हद तक सही है, कि मुगलों को हमारी अपनी स्वदेशी परंपराओं की कीमत पर महिमामंडित किया गया है। शायद यह सच है, लेकिन उन्हें खलनायक बनाने की भी जरूरत नहीं है। अगर उन्होंने जो कुछ भी किया वह भयानक था, तो ताजमहल को गिरा दो, लाल किले को गिरा दो, कुतुब मीनार को गिरा दो। लाल किले को हम पवित्र क्यों मानते हैं, इसे एक मुगल ने बनवाया था। हमें उनका महिमामंडन करने की जरूरत नहीं है, लेकिन उन्हें बदनाम करने की भी जरूरत नहीं है।