MP से लंदन भेजा जाएगा 200 टन महुआ, MSP से तीन गुना महंगा 110 रुपए प्रति किलो की दर से होगा निर्यात
महुए औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। पूर्व से ही आयुर्वेद में महुआ का उपयोग अनेक प्रकार की बीमारियों का इलाज के लिए किया जाता है।

भोपाल। मध्य प्रदेश वन विभाग ने महुआ को निर्यात करने की योजना बनाई है। इसकी शुरुआती तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। वन विभाग का लंदन की एक कंपनी से करार हुआ है और इस साल प्रदेश से 200 टन महुआ लंदन भेजा जाना है। खास बता ये है कि लंदन की कंपनी एमएसपी से तीन गुना अधिक कीमत पर महुआ खरीद रही है।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ की प्रतिबद्धता और अथक प्रयासों से प्रदेश से 200 टन महुआ 110 रूपये प्रति किलो के भाव से लंदन निर्यात किए जाने का अनुबंध हुआ है। जबकि अभी महुए की न्यूनतम समर्थन मूल्य 35 रुपये प्रति किलोग्राम ही है। यानी लंदन की कंपनी एमएसपी से तीन गुना से भी ज्यादा रेट दे रही है।
राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक पुष्कर सिंह ने कहा कि महुआ निर्यात करने से पृथक से तीन गुना मुनाफा प्राप्त होगा। अनुबंधित महुआ की आपूर्ति वर्ष 2023 में की जाएगी। इसके लिए उमरिया, अलीराजपुर, नर्मदापुरम, सीहोर, सीधी और खण्डवा जिला यूनियन के साथ एग्रीमेंट साइन किए जा रहे है। पिछले साल नर्मदापुरम के सहेली वन धन विकास केन्द्र द्वारा भी 18 क्विंटल खाद्य ग्रेड महुआ लंदन निर्यात किया जा चुका है।
वन विभाग के सहयोग से मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ की प्रतिबद्धता और अथक प्रयासों से प्रदेश से 200 टन महुआ ₹110 प्रति किलो के भाव से लंदन निर्यात किए जाने का अनुबंध हुआ है। #JansamparkMP pic.twitter.com/IZvcw5jL46
— Department of Forest, MP (@minforestmp) April 16, 2023
अधिकारियों ने बताया कि खाद्य ग्रेड महुआ नेट के माध्यम से संग्रहीत कराया जाएगा। इसके लिए ग्रामीणों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। संग्रहण के लिए ग्रामीणों को जिला यूनियन से नेट दिया जायेगा, ताकि संग्रहीत महुआ का फूल मिट्टी और खरवतवार रहित हों। दरअसल, परंपरागत रूप से पेड़ के नीचे टपके हुए या पेड़ के नीचे आग लगाकर महुआ एकत्र किया जाता है। इसमें महुआ में धूल मिट्टी के कण आ जाते हैं या महुआ में दाग आ जाता है। इस तरह से यह महुआ ऑर्गनिक सर्टिफिकेशन में रिजेक्ट हो जाता है।
महुए की प्राकृतिक गुणवत्ता बनी रहे इसके लिए वन विभाग द्वारा ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। महुआ के पेड़ों में नेट लगाया जा रहा है, जिससे पेड़ से टपकने वाला महुआ जमीन से ऊपर नेट में ही एकत्र हो जाए। बता दें कि महुए औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। पूर्व से ही आयुर्वेद में महुआ का उपयोग अनेक प्रकार की बीमारियों का इलाज के लिए किया जाता है। महुआ में प्रोटीन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट्स जैसे पोषक तत्व के साथ-साथ इसमें कई अन्य तत्व भी पाए जाते हैं, जो शरीर को अलग-अलग प्रकार से लाभ प्रदान करते हैं।