PMFBY: गुजरात में भी PM Modi की फसल बीमा योजना बंद

Vijay Rupani : BJP शासित मध्य प्रदेश में बंद हो चुकी है यह योजना, गुजरात CM विजय रूपानी ने कहा ज्यादा प्रीमियम के कारण रोकी योजना

Updated: Aug 14, 2020, 09:08 AM IST

courtsey : National herald
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नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के बाद अब बीजेपी शासित राज्य गुजरात ने भी मोदी सरकार की बहुप्रतीक्षित पीएम फसल बीमा योजना को बंद कर दिया है। गुजरात सरकार का कहना है कि इस स्कीम के प्रीमियम पर राज्य सरकार को ज्यादा खर्च करना पड़ रहा था। साथ ही मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने सोमवार 10 अगस्त को इसके विकल्प के तौर पर नई स्कीम को लॉन्च कर दिया है। गुजरात सरकार द्वारा चलाई जा रही इस नई योजना का नाम मुख्यमंत्री सहाय योजना है। मौजूदा खरीफ सीजन के लिए इसी स्कीम के तहत प्रदेश के किसानों को फसल बीमा की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

सीएम विजय रुपाणी ने केंद्र सरकार की इस योजना को बंद करने की जानकारी देते हुए बताया है कि प्रीमियम की ज्यादा लागत की वजह से हमने यह फैसला लिया है। उन्होंने कहा, 'टेंडर के मुताबिक गुजरात सरकार को साढ़े चार हजार करोड़ रुपए देने थे इसलिए हमने इस योजना के टेंडर को कैंसल करने का फैसला लिया।' हालांकि इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के इस बहुप्रतीक्षित योजना का बचाव भी किया। रुपाणी ने कहा, 'यह एक अच्छी योजना है और गुजरात पहले भी इसका हिस्सा रहा है। लेकिन इस साल हमने इससे बाहर आने का फैसला लिया है क्योंकि राज्य सरकार के खजाने पर इससे अतिरिक्त बोझ पड़ रहा था।'

बता दें कि हर साल इस योजना का क्रियान्वयन विभिन्न कंपनियों को टेंडर देकर करवाया जाता है। पिछले साल गुजरात मे इसके तहत रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी, यूनिवर्सल सोम्पो, भारती एक्सा और एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया को राज्य के अलग-अलग हिस्सों में काम दिए गए थे। हर साल कंपनियों को टेंडर देने के दौरान किसानों को कवरेज देने के एवज में प्रीमियम पूछा जाता है। इस साल गुजरात सरकार द्वारा जारी टेंडर पर इंश्योरेंस कंपनियों ने 5700 करोड़ रुपए प्रीमियम की मांग की थी। 

ज्ञात हो कि इसके पहले बीजेपी शासित मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने भी अपनी ही पार्टी के केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना को रोकने का फैसला लिया था। मध्यप्रदेश सरकार का भी कहना था कि इस योजना के कारण राज्य सरकार को घाटा हो रहा था। इसलिए अब सरकार निजी बीमा कंपनियों के बजाए अपनी ही बीमा कंपनी खोलेगी। ग़ौरतलब है कि मध्य प्रदेश से ही प्रधानमंत्री ने फसल बीमा योजना की शुरुआत की थी। मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में काफ़ी धूमधाम से इस योजना को लागू करने का ऐलान किया गया था।