Flood in Balaghat: गरीबों के हिस्से का अनाज हुआ पानी-पानी

PDS grain: प्रशासन की लापरवाही, बालाघाट के सरकारी गोदाम में भरा पानी, 9 हजार बोरी से ज्यादा का गेहूं और चना भीगा

Updated: Sep 02, 2020, 06:10 AM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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बालाघाट। एक कहावत है कोढ़ में खाज, यह बात प्रदेश उन लोगों पर लागू होती है जो कोरोना काल में अपनी रोजी रोटी छिन जाने से दुखी हैं। वहीं रही सही कसर बाढ़ ने पूरी कर दी। ऐसे में प्रशासनिक लापरवाही की वजह से गरीबों को दो जून की रोटी के लाले पड़ने की नौबत आने वाली है। दरअसल, बालाघाट के सरकारी वेयर हाउस में रखा 6 करोड़ से ज्यादा का अनाज पानी में भीग गया।   

सरकारी अफसरों की उदासीनता की वजह से गरीबों की थाली में जाने वाला करोड़ों का अनाज बरबाद होने की कगार पर है। मामला बालाघाट के गोंगलई का है, यहां बने मध्यप्रदेश वेयरहाउस एवं लॉजिस्टिक्स कॉरपोरेशन के गोदाम में 6 करोड रुपए से ज्यादा का चना और गेहूं पानी में भीग गया है। गोदाम में सरकारी अनाज रखा गया था। वहां पानी भरने से चना और गेंहूं अंकुरित हो गया है। वहीं बोरियों में फफूंद लग गया है।

यह चना और गेहूं सरकार ने समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदा था। जिसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए गरीबों को बांटा जाना था। लेकिन उससे पहले ही प्रशासन की लापरवाही से 6 करोड से अधिक मूल्य का चना और गेहूं पूरी तरह नष्ट हो गया है। अब वेयरहाउस एवं लॉजिस्टिक्स कॉरपोरेशन कार्यालयों में दस्तावेजों का मिलान करने की कोशिश की जा रही है। इस सरकारी गोदाम में करीब 9 से 10 हजार बोरा गेहूं और चना बारिश में बाढ़ में भीग गए हैं। जिससे 6 करोड रुपए से ऊपर का नुकसान का अनुमान है।

सरकारी अनाज की सुध लेने वाले कभी कोरोना तो कभी बाढ़ की हवाला देकर अपनी जिम्मेदारी से बचते रहे। किसी ने नदी के बढ़ते जलस्तर औऱ गोदाम की स्थिति पर कोई ध्यान नहीं दिया जिससे नमी ने अनाज को सड़ रहा है। खबर है कि सिर्फ बालाघाट जिले में ही भारी बारिश की वजह से 100 से ज्यादा गांवों के 1000 से अधिक मकान गिर गए हैं। लोग बेघर तो हो ही गए हैं, गरीब जनता की थाली में जाने से पहले ही करीब 9 हजार से ज्यादा बोरी गेहूं और चना प्रशासनिक उदासीनता की भेंट चढ़ गया।