Digvijaya Singh: फसल बीमा योजना में आदिवासियों के साथ भेदभाव

Crop Insurance Scheme: राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और एमपी के सीएम शिवराज चौहान को लिखा पत्र, फसल बीमा योजना के प्रावधान बदलने की मांग

Updated: Sep 20, 2020, 05:34 AM IST

Photo Courtsey: Thewire
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री फसल बीमा के अंतर्गत सिर्फ राजस्व ग्रामों को शामिल किया गया है। वनग्रामों को इस योजना में शामिल नहीं किया गया है। इससे वनग्रामों में खेती करने वाले लाखों आदिवासी किसान फसल बीमा योजना से वंचित रह गए हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधानों में बदलाव कर वनग्रामों में अधिसूचित फसलों की सीमा 25 हेक्टयर तक की जानी चाहिए। 

पीएम फसल बीमा जैसी बहुप्रचारित योजना में जारी इस भेदभाव पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। उन्होंने वनग्रामों में अधिसूचित फसलों की सीमा 25 हेक्टेयर तक करने की मांग की है। 

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि, 'मध्यप्रदेश में 23 प्रतिशत् से अधिक आबादी अनुसूचित जनजाति वर्ग की है। प्रदेश में अनेक जिले जनजाति बाहुल्य हैं। इन जिलों में बड़ी संख्या में वनग्राम हैं। आदिवासी समाज के लोग वनग्रामों में रहते हैं और खेती करते हैं। कुछ किसान राजस्व ग्रामों में रहते हैं और वनग्रामों की जमीनों में खेती करते हैं। गत दिवस अनुसूचित जनजाति वर्ग के एक प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात के दौरान बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा के अंतर्गत सिर्फ राजस्व ग्रामों को शामिल किया गया है। वनग्रामों को इस योजना में शामिल नहीं किया गया है। जिससे वनग्रामों में खेती करने वाले जनजाति वर्ग के लाखों किसान फसल बीमा योजना से वंचित रह जायेंगे।'

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मनमोहन सिंह के कार्यकाल में मिला था पट्टा

राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा है कि, 'प्रदेश में वनग्रामों की कुल संख्या 925 है। जिनमें 39 ग्राम वन अभ्यारण में तथा 27 ग्राम राष्ट्रीय उद्यानों में हैं। इन वनग्रामों में रहने वाले लाखों आदिवासी परिवारों को पूर्व प्रधानमंत्री डाॅ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल के समय बने वनाधिकार अधिनियम के तहत् शासन द्वारा पट्टे प्रदान किये गये हैं।' उन्होंने आगे कहा कि यही नहीं इन अदिवासी परिवारों के खेतों में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत कपिल धारा उप योजना में कुँए खोदे जाकर सिंचाई की व्यवस्था भी की गई है।

दिग्विजय सिंह पत्र

आदिवासियों के साथ भेदभाव

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने आश्चर्य जताया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा जैसी बहुप्रचारित योजना में आदिवासी समुदाय के साथ भेदभाव किया जा रहा है।' उन्होंने लिखा, 'मध्यप्रदेश शासन द्वारा 14 जुलाई 2020 को जारी राजपत्र में प्रधानमंत्री फसल बीमा के दायरे में राज्य शासन ने 100 हैक्टयर से अधिक फसलों वाले पटवारी हल्के को शामिल किया है। जबकि मध्यप्रदेश के 600 से अधिक वनग्रामों में 100 हेक्टयर से कम रकबे में विभिन्न फसलें ली जाती हैं। इस तरह प्रदेश के 22 जिलों में रहने वाले वनवासी किसान इस योजना में लाभांवित होने से वंचित रह जाएंगे।'

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दिग्विजय सिंह ने दोनों नेताओं से कहा है है कि पीएम फसल योजना के प्रावधानों में बदलाव करते हुए वनग्रामों में अधिसूचित फसलों की सीमा 25 हेक्टयर तक की जाए ताकि प्रदेश के वनग्रामों में रहने वाले लाखों आदिवासी किसानों को योजना का लाभ मिल पाए।