मध्य प्रदेश में आवक घटने से टमाटर की कीमतों में भारी उछाल, महीनेभर में ढाई गुना बढ़े टमाटर के दाम

महीने पहले तक दूसरे प्रदेशों से आने वाले टमाटर के 20 रुपए किलो तक बिकने के बाद एक बार फिर से रेट 50 रुपए किलो के ऊपर पहुंच गए हैं।

Updated: Nov 26, 2023, 02:14 PM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश में टमाटर के भाव एक बार फिर आसमान छू रहे हैं। प्रदेश में सितम्बर में तीन दिन लगातार हुई बारिश की वजह से टमाटर की अधिकांश फसल खराब हो गई है। वहीं, दूसरे प्रदेशों से आने वाले टमाटर के दाम में ढाई गुना बढ़ोतरी हुई है।  महीनेभर पहले तक 20 रुपए किलो तक बिकने के बाद एक बार फिर से रेट 50 रुपए किलो के ऊपर पहुंच गए हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इंदौर के चोइथराम मंडी में टमाटर की आवक 20 प्रतिशत ही रह गई है। आवक कम होने के कारण टमाटर की कीमतें आसमान छू रही है। मध्य प्रदेश के इंदौर से लेकर भोपाल तक मंडियों में टमाटर की कीमत 50 रुपए प्रति किलो या उससे अधिक है। व्यापारियों के मुताबिक फिलहाल टमाटर की आवक महाराष्ट्र से हो रही है। पहले के मुकाबले टमाटर की आवक घटकर सिर्फ 20% रह गई है।

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व्यापारियों ने बताया कि पहले जहां प्रदेश के बाकी हिस्सों और अन्य प्रदेशों से मिलाकर रोजाना 5000 कैरट आती थी, वो आंकड़ा अब एक 1000 कैरट पर टिक गया है। प्रदेश में अगर सर्दी तेज रही तो लोकल टमाटर देर से पकेंगे। ऐसे में दूसरे प्रदेशों से भी आवक कम ही रहने से भाव बढ़े हुए ही रहेंगे। इस साल हुई जोरदार बारिश से मध्य प्रदेश के साथ ही कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश में भी फसल खराब हुई है। 

इंदौर चोइथराम सब्जी मंडी के टमाटर कारोबारी शंकर चौधरी के मुताबिक सितम्बर में हुई बारिश के बाद राजगढ़, झाबुआ आदि से आवक कम हो गई। फिलहाल महाराष्ट्र के कन्नड़, औरंगाबाद, संगमनेर, नासिक, पांडुली, पीपलगांव, येवला से टमाटर आ रहा है। अभी थोक में 550 से 750 रुपए प्रति कैरट तक के भाव हैं।

बता दें कि पिछले कुछ सालों में टमाटर की बम्पर आवक होने और रेट न मिलने से परेशान किसानों ने इसका उत्पादन कम कर दिया था। इस साल सितम्बर में हुई बारिश से निमाड़ की सारी फसलें खराब हो गई थी। जिसका असर अभी तक है। अब सर्दी के कारण टमाटर पक नहीं रहा है। इसलिए महाराष्ट्र से इसकी पूर्ति हो रही है। अभी सर्दी भले ही असरदार नहीं है, लेकिन टमाटर पकने के लिए जैसी अच्छी धूप की जरूरत रहती है, वो भी फिलहाल नहीं है। अगर ठंड असरदार रही तो संभव है कि टमाटर देर से पकेंगे। ऐसे में आवक कम होगी, जिससे भाव और बढ़ भी सकते हैं।