Maize MSP : मक्‍का पर नहीं मिल रहा समर्थन मूल्‍य

लागत से भी कम दाम पर बेच रहे उपज, केंद्र कर रही मक्‍का आयात

Publish: Jul 09, 2020, 03:03 AM IST

source: smartindianagriculture.com
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मध्य प्रदेश के किसान मक्के का उचित मूल्य न मिलने से परेशान हैं। किसान फसल में लगने वाली लागत तक वसूल नहीं कर पा रहे हैं। बाज़ार में मक्के के भाव लगातार गिर रहे हैं। मक्के की उपज करने वाले किसानों को फसल की पैदावार में प्रति क्विंटल लगभग 1300 रुपए की लागत लगती है। लेकिन बाज़ार में इस समय किसानों को मक्के की पैदावार पर प्रति क्विंटल अधिकतम 1000 रुपए ही मिल रहे हैं। ज़ाहिर है ऐसी परिस्थिति में मक्का की पैदावार करने वाले किसानों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन अब तक राज्य सरकार ने इन किसानों की परेशानी सुलझाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया है।

किसान परेशान मोदी सरकार कर रही मक्के का आयात 
एक तरफ जहां मक्के के किसानों की उनकी पैदावार की लागत तक वसूल नहीं हो पा रही है। तो वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने विदेशों से मक्के का आयात बढ़ाने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने लगभग पांच लाख टन मक्के का आयात करने का निर्णय लिया है। रेखांकित करने वाली बात यह है कि केंद्र सरकार ने मक्के का आयात महज़ 15 फीसदी के आयात शुल्क पर करने का निर्णय लिया है। पहले भारत 60 फीसदी के आयात शुल्क पर मक्का का आयत करता था। लेकिन सरकार के इस निर्णय के बाद विदेशों से आयात किए गए मक्के भारत के बाजारों में सस्ती दरों पर उपलब्ध हो जाएंगे। ज़ाहिर है बाजारों में सस्ती दरों पर मिलने वाला मक्का किसानों के लिए और मुश्किल खड़ी कर देगा। 

किसान मक्के की 1700 रुपए प्रति क्विंटल खरीदी की मांग कर रहे हैं। लेकिन भाव गिर जाने से पहले ही किसानों को मक्का अपनी लागत से कम मूल्य पर बेचना पड़ रहा है। किसानों को मक्के की बिक्री पर प्रति क्विंटल कम से कम लगभग 400 रुपए का नुक़सान हो रहा है। ऐसे में मक्का का विदेशों से आयात किया जाना किसी भी तौर पर किसानों के लिए हितकारी प्रतीत नहीं हो रहा है।

कमल नाथ ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को लिखा पत्र
मक्के के किसानों की बदहाली को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखा है। कमल नाथ ने केंद्रीय मंत्री को पत्र में बताया है कि मक्के की कीमतों में बाज़ार में भारी गिरावट दर्ज की गई है। दो वर्ष पूर्व मक्का प्रति क्विंटल 2000 रुपए की दर पर मिल रहा था। तो वहीं बाज़ार में आज मक्के की कीमत लगभग 1000 रुपए प्रति क्विंटल है। 

राज्य सरकार ने किसानों के हित में कोई ठोस कदम नहीं उठाया
पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि मध्य प्रदेश के किसान काफी समय से मक्का का समर्थन मूल्य घोषित करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन उनकी मांग को अनसुना कर दिया जा रहा है। कमल नाथ ने केंद्रीय मंत्री को यह भी कहा है कि उन्होने इस सिलसिले में उन्होंने राज्य सरकार को भी किसानों की बदहाली को दूर करने का अनुरोध किया लेकिन सरकार ने इस संबंध में कोई उचित कदम नहीं उठाया। लिहाज़ा प्रदेश के मक्का किसान काफी परेशानी में चल रहे हैं।

आयत पर पुनः विचार करे सरकार 
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को लिखे अपने पत्र में कहा है कि मक्के का आयात शुल्क कम करना किसानों के लिए परेशानी का सबब बन जाएगा। इससे मक्का उत्पादक किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ेगा। कमल नाथ ने केंद्रीय कृषि मंत्री से मक्के का आयात शुल्क कम करने वाले फैसले पर पुनः विचार करने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य के किसानों की मक्के की पैदावार पर समर्थन मूल्य घोषित करने की मांग की है। ताकि किसानों को इस महासंकट के दौर से बाहर निकाला जा सके।