SSP का नमूना फेल होने पर दिग्विजय सिंह ने कृषि मंत्री पर बोला हमला, कंपनियों को संरक्षण देने का लगाया आरोप

गुना से जांच के लिए जबलपुर भेजे गए थे SSP के नमूने, जांच में 94 फीसदी कम मिला फोस्फोरस की मात्रा, दिग्विजय सिंह ने कहा, कृषि मंत्री के संरक्षण में धड्डले से बिक रही है नकली खाद

Publish: Aug 19, 2021, 01:20 PM IST

भोपाल। गुना में नकली खाद का भंडाफोड़ हुआ है। गुना से जबलपुर जांच के लिए भेजा गया SSP उर्वरक अमानक पाया गया है। लैबरोटरी जांच में सिंगल सुपरफास्फेट में फोस्फोरस की मात्रा निर्धारित मानक से 94 फीसदी कम पाई गई है। जिसके बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कृषि मंत्री कमल पटेल पर नकली खाद बनाने वाली कंपनियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। दिग्विजय सिंह ने कहा है कि कृषि मंत्री के संरक्षण में प्रदेश भर में नकली खाद और नकली दवाइयों का गोरख धंधा धड्डले से हो रहा है।  

22 जून को गुना से सिंगल सुपरफास्फेट के नमूने जांच के लिए जबलपुर के अधारतल स्थित लैबरोटरी में भेजे गए थे। 7 जुलाई को इनके सैंपल की जांच की गई। जांच में यह बात निकल कर सामने आई कि खाद में बहुत बड़े स्तर पर मिलावट की गई है। लैबरोटरी में हुई जांच के मुताबिक सिंगल सुपरफास्फेट में फोस्फोरस की मात्रा महज़ 1.09 फीसदी पाई गई। जबकि एक मानक खाद के लिए फोस्फोरस की मात्रा 16 फीसदी होनी चाहिए। इस आधार पर SSP में फोस्फोरस की मात्रा करीब 94 फीसदी कम थी।  

इतना ही नहीं खाद में सल्फर की मात्रा भी महज़ 1.5 फीसदी ही पाई गई। जबकि इसकी मात्रा 11 फीसदी होनी चाहिए थी। वहीं खाद में मिलाया जाना वाला, पानी में घुलना वाला फोस्फरस 0.76 फीसदी ही मिलाया गया। जबकि इसे 14.5 फीसदी मिलाया जाना चाहिए था।    

राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने इस प्रकरण पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि गृह ज़िला गुना में यह Super Phosphate खाद की रिपोर्ट है जिसमें Phosphate का प्रतिशत 16% होना चाहिए लेकिन इसमें केवल 1.09% है! यानि 94% मिलावट है, इससे बढ़ी ठगी क्या हो सकती है। दिग्विजय सिंह ने पूछा है कि क्या इस मामले में  सप्लायर के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की गई? यदि नहीं तो क्यों नहीं? कांग्रेस नेता ने कहा कि क्या इस मामले मेंं मंत्री जी से Fixing का इंतज़ार है? दिग्विजय सिंह ने कृषि मंत्री कमल पटेल पर नकली खाद विक्रेताओं को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा है कि नक़ली बीज नक़ली खाद नक़ली दवाइयाँ का व्यवसाय मध्यप्रदेश में कृषि मंत्री जी के संरक्षण में धड़ल्ले से चला हुआ है।

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इस पूरे मामले में कृषि विशेषज्ञ केदार शंंकर सिरोही कहते हैं कि नकली खाद का खामियाजा प्रमुख तौर पर प्रदेश का सोयाबीन उत्पादित करने वाला किसान चुका रहा है। सिरोही के मुताबिक सोयबीन के किसानों की फसल बर्बाद होने के पीछे अमानक बीज और अमानक खाद दो सबसे बड़े कारण हैं। केदार शंकर सिरोही ने भी प्रदेश भर में फल फूल रहे नकली खाद के व्यापार का ज़िम्मेदार कृषि मंत्री कमल पटेल को ठहराया है। केदार शंकर सिरोही कहते हैं कि प्रदेश में बालाजी कंपनी नकली खाद बनाने में अव्वल है और इस कंपनी को कृषि मंत्री का खुले तौर पर संरक्षण प्राप्त है।