मिलावटी चाय पत्ती से रहें सावधान, पानी की चंद बूंदें और फिल्टर पेपर खोलेगा मिलावट की पोल
चाय की चुस्कियों से पहले पता करें कहीं आपकी चाय पत्ती मिलावटी तो नहीं, घर पर चंद सेकंड में हो जाएगी शुद्धता की जांच

चाय, दुनिया में चाय के शौकीनों की कमी नहीं है, कई कड़क चाय पसंद करता है, तो किसी को ग्रीन टी या ब्लैक टी भाती है। यह एक ऐसा ड्रिंक है जिसका सेवन बड़ी संख्या में लोग करते हैं। इसकी एक घूंट ही लोगों को ताजगी भर देती है। इसके कई फायदे हैं, लेकिन अगर जरूरत से ज्यादा सेवन किया जाए तो यह हानिकारक भी हो सकती है।
चाय में मिलावटी रंग की वजह से सेहत को फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। चाय पत्ती में मिलावट का पता लगाने के लिए एक छोटा सा टेस्ट किया जा सकता है। हाल ही में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने चायपत्ती में मिलावटी रंग का पता लगाने का आसन तरीका सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इसे घर पर फिल्टर पेपर की मदद से आसानी से किया जा सकता है। वीडियो में बताया गया है कि एक फिल्टर पेपर पर चायपत्ती फैलाएं। फिर इसमें कुछ बूंदें पानी की छिड़कें। कुछ सेकंड बाद फिल्टर पेपर को नल के पानी से धो लें। अगर फिल्टर पेपर पर डार्क दाग दिखते हैं तो वह मिलावटी हो सकती है, अगर उसमें कोई दाग नहीं है तो वह शुद्ध चाय पत्ती है। यह फिल्टर पेपर रोशनी में देखने पर औऱ ज्यादा सही रिजल्ट दिखाएगा। मिलावटी चायपत्ती वाले फिल्टर पेपर पर ब्राउन और ब्लैक कलर के धब्बे साफ तौर पर दिखाई देंगे।
Detecting Exhausted Tea Leaves Adulteration in Tea Leaves#DetectingFoodAdulterants_11#AzadiKaAmritMahotsav@jagograhakjago @mygovindia @MIB_India @PIB_India @MoHFW_INDIA pic.twitter.com/BqCcT9X8SO
— FSSAI (@fssaiindia) October 21, 2021
वहीं चाय पत्ती में रंगों की मिलावट पता करने में नीबू का रस भी काम आता है। पत्ती में कुछ बूंदें नींबू के रस की डालें, अगर पत्ती शुद्ध है तो वह काले रंग की ही रहेगी, जबकि मिलावट होने पर उसका रंग बदलने लगेगा।
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नियमित तौर पर संयमित मात्रा में चाय पीना फायदेमंद है, जबकि ज्यादा चाय से एसिडिटी होती है। चाय की चुस्कियां कैंसर, मोटापा और डिहाइड्रेशन जैसे समस्याओं को दूर रखती हैं। दिन में दो से तीन कप चाय का सेवन किया जा सकता है। चाय शरीर को एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करती है जिससे सेल्स से फ्री रेडिकल्स दूर होते हैं। सेहत के साथ स्किन भी ग्लो करती है।
कम लागत में ज्यादा लाभ कमाने के लालच में चाय की पत्ती में मिलावट की जाती है। पुरानी या उपयोग की हुई चाय की पत्ती को दोबारा सुखा कर पैक कर बाजार में बेचा जाता है। उसमें कृत्रिम रंग मिला दिए जाते हैं। जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इससे लिवर डिसऑर्डर और मेटाबॉलिज्म से जुड़ी समस्याएं होने का खतरा रहता है, वहीं स्किन औऱ आंखो की सेहत के लिए भी नुकसान दायक है।