भारतीय वैज्ञानिकों ने डेंगू की दो दवाएं खोजी, मानव परीक्षण की तैयारी

लखनऊ के केंद्रीय औषधि एवं अनुसंधान संस्थान के साइंटिस्टों ने डेंगू की दो दवाओं का सफल परीक्षण चूहों पर किया है, जल्द ही इंसानों पर ट्रायल के बाद होगी पेटेंट कराने की प्रक्रिया

Updated: Sep 17, 2021, 10:15 AM IST

Photo Courtesy: Wikipedia
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अब वो दिन दूर नहीं जब देश में डेंगू का इलाज उसकी स्पेसिफिक दवा के किया जाएगा। अब मरीजों को वैकल्पिक दवा से मुक्ति मिल सकेगी। भारतीय साइंटिस्टों ने डेंगू के इलाज के लिए दवा खोज ली है। एक लंबी रिसर्च के बाद दवा का चूहों पर ट्रायल भी किया गया। चूहों पर पहले चरण का ट्रायल सफल रहा। अब इंसानों पर इस दवा का ट्रायल किया जाना है। माना जा रहा है कि सबकुछ ठीक रहा तो इंसानों पर भी यह पूरी तरह से खरी उतरेगी। ह्यूमन ट्रायल के बाद दवा बाजार में लोगों को मिलने लगेगी।

केंद्रीय औषधि एवं अनुसंधान संस्थान CSIR- CDRI से मिली जानकारी में कहा गया है कि डेंगू का कोई इलाज नहीं है। अभी तक केवल वैकल्पिक और जीवन रक्षक दवाओं से मरीजों का इलाज किया जाता रहा है। लेकिन वैज्ञानिकों की इस शोध से माना जा रहा है कि जल्द ही इंसानों के लिए डेंगू का सटीक इलाज हो सकेगा।

बरसात के मौसम में डेंगू के मच्छरों की वजह से यह खतरनाक बीमारी होती है। अगस्त सितंबर तक डेंगू के मरीज बढ़ते जाते हैं। इसके लक्षण सामान्य बुखार की तरह होते है। लेकिन इलाज में लापरवाही की वजह से मरीज की जान पर बन आती है। अब मरीजों के लिए अच्छी खबर यह है कि लखनऊ के केंद्रीय औषधि एवं अनुसंधान संस्थान, CSIR और CDRI के साइंटिस्टों ने दो दवाएं खोज निकाली हैं। जो की चूहों पर सफल रही हैं।

वैज्ञानिकों ने सैकड़ों चूहों पर इन दवाओं का सफल परीक्षण किया है। दरअसल डेंगू की वजह से देश औऱ दुनिया में हजारों लोगों की मौत हो जाती है।

वैज्ञानिकों की मानें तो ये मेडिसिन कारगर है, मनुष्यों पर ट्रायल के बाद इसे पेटेंट कराने की प्रोसेस होगी। तब जाकर यह लोगों के लिए बाजार में मिल सकेगी।  मादा एडीज मच्छरों की वजह से डेंगू की बीमारी होती है। इसमें हेमोरेजिक फीवर होता है जिसकी वजह से खून में प्लेटलेट की मात्रा लगातार गिरती जाती है। माना जा रहा है कि मरीजों में होने वाले कॉम्पीलीकेशन को भी दूर करने में ये दवाए सहायक होंगी।

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देश के साथ-साथ मध्यप्रदेश में भी डेंगू का कहर बनकर टूटता है। इसमें सबसे पहले अचानक तेज बुखार आता है, मरीज के सिर में आगे की ओर काफी तेज दर्द। आंखों के पीछे दर्द और जो कि सिर हिलाने से बढ़ता जाता है। शरीर और जोडों में दर्द, चक्‍कर आना, भूख नहीं लगना, इसे रक्तस्त्रावी बुखार भी कहते हैं।

 मध्यप्रदेश में सरकार इनदिनों डेंगू से बचाव और जागरुकता के लिए डेंगू से जंग जनता के संग चला रही है। जिसके तहत लोगों को साफ सफाई और मच्छरों को नहीं पनपने देने की अपील कर रही है।  डेंगू के मच्छर दिन में काटते हैं। घरों और आसपास जमा पानी में इसके लार्वा पनपते हैं। जो कि आगे चलकर लोगों को बीमार करते हैं। इससे बचने के लिए लोगों को अपने आसपास सफाई रखने को कहा जाता है। वहीं पानी में गंबूसिया मछली डाली जाती है, जोकि इसका लार्वा खाती है। जिससे मच्छरों का आंतक नहीं फैल पाता।