पीरियड्स में तेज दर्द हो सकता एंडोमेट्रियोसिस का संकेत, जानें इसके लक्षण और उपचार

एंडोमेट्रियोसिस एक गंभीर समस्या हो सकती है। इसका वक्त पर पता लगाकर इलाज करना बहुत जरूरी है।

Updated: Oct 27, 2023, 04:17 PM IST

पीरियड्स एक नेचुरल प्रोसेस है। पीरियड्स को मैच्योरिटी से जोड़कर देखा जाता है। इसका मतलब है कि लड़की का अब महिला बनने का सफर शुरू हो चुका है, लेकिन एक तरफ जहां भारत के कई राज्यों में पीरियड्स के दौरान लड़की को अछूत माना जाता है। वहीं दूसरी तरफ ऐसे कई राज्य हैं जहां लोग पीरियड्स को त्योहार की तरह मनाते हैं। 

एक स्वस्थ महिला अपनी जिंदगी के 40 साल रेगुलर पीरियड्स में बिताती है। हर महीने कई हार्मोनल बदलावों से गुजरती है। इसका उसके शरीर और मेंटल हेल्थ पर गहरा असर पड़ता है। 

पीरियड्स के दौरान क्रैम्प्स आना या दर्द होना एक सामान्य बात है। लेकिन यह चिंता का कारण तब बन जाता है, जब यह दर्द असहनीय हो जाए। ऐसे में इसकी चिंता करना और डॉक्टर से परामर्श करना बहुत जरूरी है। कई बार लड़कियां या महिलाएं इसे अनदेखा कर देती है। ये समस्या एंडोमेट्रियोसिस भी हो सकती है। यह एक गंभीर समस्या हो सकती है। इसका वक्त पर पता लगाकर इलाज करना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं क्या है एंडोमेट्रियोसिस और इसके लक्षण के बारे में। 

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एंडोमेट्रियोसिस क्या है?

यह एक दीर्घकालीन विकार है जो दर्दनाक हो सकता है। वास्तव में कितनी महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस है यह अज्ञात है क्योंकि इसका आमतौर पर केवल एंडोमेट्रियल ऊतक (जिसमें एक सर्जरी, आमतौर पर लैप्रोस्कोपी की आवश्यकता होती है) को देखकर ही निदान किया जा सकता है। सभी महिलाओं में से लगभग 6 से 10% को एंडोमेट्रियोसिस का निदान किया जाता है। एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाओं का प्रतिशत उन महिलाओं में अधिक है जो वन्ध्य हैं (25 से 50%) और जिन महिलाओं को दीर्घकालीन पेल्विक दर्द (75 से 80%) है। निदान की औसत आयु 27 है, लेकिन एंडोमेट्रियोसिस किशोरियों में विकसित हो सकता है।

लक्षण?

1. पीरियड्स के दौरान सामान्य से अधिक दर्द

2. डायरिया

3. पीरियड्स के समय या उसके बाद कमर में दर्द

4. संभोग के दौरान पीड़ा

5. मतली आना

6. पीरियड्स के दौरान अधिक ब्लीडिंग होना

7. शौच के दौरान रक्त आना

8. इनफर्टिलिटी

9. कब्ज

10. थकावट

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क्या है इसका इलाज?

इस समस्या का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है। इसे खत्म नहीं किया जा सकता, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर इससे होने वाले खतरों से बचा जा सकता है।

शराब से दूर बना लें 

शराब के सेवन से एंडोमेट्रियोसिस होने की संभावना बढ़ जाती है। इससे आपके शरीर के एस्ट्रोजन लेवल में वृद्धि होती है, जो एंडोमेट्रियोसिस का कारण बन सकती है। 

हेल्दी खाना खाएं

अक्सर खराब डाइट के कारण एंडोमेट्रियोसिस जैसी समस्या हो सकती है, इसलिए अपनी डाइट का खास ख्याल रखें। अपनी डाइट में ताजे फलों और हरी सब्जियों को शामिल करें। ज्यादा फैट वाले खाने से बचें। फैट की अधिक मात्रा अधिक के कारण एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ता है और इस वजह से एंडोमेट्रियोसिस का खतरा भी बढ़ जाता है।

एक्सरसाइज करें

अपनी दिनचर्या में एक्सरसाइज को जरूर शामिल करें। रोज एक्सरसाइज करना आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करने से एंडोमेट्रियोसिस को कम किया जा सकता है। साथ ही एक्सरसाइज पीरियड्स क्रैम्प्स को भी कम करने में मदद करती है।