तालिबान ने PhD होल्डर को हटाकर BA पास को बनाया VC, विरोध में 70 टीचिंग स्टाफ ने दिया इस्तीफा

काबुल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर मोहम्मद उस्मान बाबूरी को हटाकर महज स्नातक डिग्री होल्डर मोहम्मद अशरफ ग़ैरत को वाइस चांसलर बनाया गया है

Updated: Sep 23, 2021, 07:14 AM IST

अफगानिस्तान के शिक्षा मंत्री
अफगानिस्तान के शिक्षा मंत्री

काबुल। अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत के वापसी के साथ ही अजीबोगरीब फैसले देखने को मिल रहे हैं। हालिया मामला काबुल यूनिवर्सिटी का है। यहां PhD होल्डर व्यक्ति को वाइस चांसलर के पद से हटाकर एक बीए पास को वीसी बनाया गया है। तालिबान के इस फैसले का जमकर विरोध हो रहा है।  यूनिवर्सिटी के करीब 70 प्रोफेसरों ने इसके विरोध में इस्तीफा दे दिया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक तालिबान ने बुधवार को काबुल विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर मोहम्मद उस्मान बाबुरी को हटाकर महज स्नातक की डिग्री पाए मोहम्मद अशरफ गैरत को वाइस चांसलर बनाने का आदेश जारी कर दिया। गैरत की नियुक्ति के बाद सोशल मीडिया पर छात्रों और बुद्धजीवियों ने विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान गैरत के कुछ पुराने ट्वीट्स भी वायरल हुए जिसमें उसने पत्रकारों की हत्या को जायज ठहराया था।

यह भी पढ़ें: पीएचडी और मास्टर डिग्री की कोई वैल्यू नहीं है, हमें देखो बिना पढ़े ही महान हैं: तालिबानी शिक्षा मंत्री का छात्रों के नाम संदेश

तालिबान के इस फैसले के बाद काबुल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर सहित करीब 70 टीचिंग स्टाफ ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। खामा प्रेस न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ तालिबान सदस्यों का भी मानना है कि गैरत से भी ज्यादा योग्य लोग इस पद के लिए मौजूद थे। बता दें कि गैरत पिछली सरकार में शिक्षा मंत्रालय में नौकरी करते थे। 

तालिबान सरकार द्वारा शैक्षणिक संस्थानों में इस तरह के फैसले लिए जाएंगे इस बात का आंदाजा तब ही लग गया था जब नए नवेले शिक्षा मंत्री शेख मौलवी नुरुल्ला मुनीर ने शिक्षा की प्रासंगिकता पर ही सवाल उठाया था। शिक्षा मंत्री ने छात्रों के नाम अपने संदेश में कहा था कि अब पीएचडी करने या मास्टर्स डिग्री रखने वालों की कोई वैल्यू नहीं है। उन्होंने उदाहरण स्वरूप पढ़े लिखे लोगों की तुलना तालिबानी सरकार के मंत्रियों से करते हुए कहा है कि हम बिना पढ़े-लिखे भी महान हैं।