कोरोना के बाद अब Mpox वायरस का कहर, WHO ने घोषित की ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी
Mpox, जिसे पहले मंकीपॉक्स (Monkeypox) के नाम से जाना जाता था, 13 अफ्रीकी देशों में तेजी से फैल रहा है। अब तक इस बीमारी से 524 लोगों की मौत हो चुकी है।
कोरोना के बाद अब एक और वायरस ने दुनियाभर में हड़कंप मचा दिया है। Mpox, जिसे पहले मंकीपॉक्स (Monkeypox) के नाम से जाना जाता था, 13 अफ्रीकी देशों में तेजी से फैल रहा है। अब तक इस बीमारी से 524 लोगों की मौत हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एमपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने एमपॉक्स के बढ़ने पर आईएचआर आपातकालीन समिति की बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग की। उन्होंने कहा कि तीन वर्षों में दूसरी बार है जब एमपॉक्स आपातकालीन स्थिति में पहुंच गया।
WHO के महानिदेशक ने कहा कि हम अफ्रीका में एमपॉक्स के प्रकोप पर काम कर रहे हैं। उन्होंने एक बयान में कहा कि पिछले सप्ताह मैंने घोषणा की थी कि मैं कांगो और अफ्रीका के अन्य देशों में एमपॉक्स के बढ़ने का मूल्यांकन करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों के तहत एक आपातकालीन समिति बुला रहा हूं।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने कहा कि आपातकालीन समिति ने बैठक की और मुझे सलाह दी कि उनके विचार में एमपॉक्स को लेकर जो स्थिति है वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल है। मैंने समिति के द्वारा दी गई सलाह को स्वीकार कर लिया है।
उन्होंने कहा कि पूर्वी कांगो में एमपॉक्स के एक नए वेरिएंट का पता लगा है और यह बहुत तेजी से पड़ोसी देशों में भी फैल रहा है। अफ्रीका और उसके बाहर इसके और फैलने की संभावना बहुत चिंताजनक है। इस साल अफ्रीका में मंकीपॉक्स के 14,000 से अधिक मामले और 524 मौतें दर्ज की गई हैं, जो पिछले साल के आंकड़ों से ज्यादा हैं।
अब तक, 96 फीसदी से अधिक मामले और मौतें सिर्फ कांगो में ही हुई हैं। वैज्ञानिकों की चिंता इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि कांगो में जो नए प्रकार का मंकीपॉक्स फैल रहा है जो अधिक आसानी से फैल सकता है।
एमपॉक्स को पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था। 2022 में ब्राजील में इसके कारण दर्जनों बंदरों को कत्ल कर दिया गया क्योंकि लोगों में अफवाह थी कि यह वायरस बंदरों के कारण फैल रहा है। इस वायरस को पहली बार 1958 में तब पहचाना गया जब बंदरों में एक चेचक जैसा रोग फैल रहा था।