Us riots : दूसरे देशों में भी अमेरिकी पुलिस बर्बरता का विरोध

बंकर में छिपे राष्ट्रपति ट्रंप, अमेरिका में अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत और पुलिस के हाथों अन्य अश्वेत लोगों की हत्या का विरोध

Publish: Jun 02, 2020, 08:48 AM IST

Photo courtesy : global times
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अमेरिका में अश्वेत व्यक्ति की पुलिस हिरासत में मौत पर हो रहे प्रदर्शनों की आंच कई देशों में फैल गई है। लंदन, जर्मनी, न्‍यूजीलैंड, ब्राजील सहित कई स्‍थानों पर प्रदर्शन हुए हैं। हजारों लोग लंदन के ट्रेफलगर स्क्वॉयर में एकत्र हुए और प्रदर्शन किया। जर्मनी के बर्लिन में अमेरिकी दूतावास के सामने प्रदर्शनकारियों ने रैली निकाली। न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी वाणिज्य दूतावास तक मार्च किया और घुटनों पर बैठ गए। ब्राजील में लोगों ने रियो डि जिनेरियो में प्रदर्शन किया। यहां पुलिस को आंसू गैस का इस्‍तेमाल करना पड़ा।

गौरतलब है कि अमेरिका में पुलिस बर्बरता के कारण जॉर्ज फ्लॉयड नामक 48 वर्षीय अफ्रीकी-अमरीकी मूल के व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसके खिलाफ प्रदर्शन अब हिंसा में बदल गया है। हिंसा की यह आग वाशिंगटन स्थित व्हाइट हाउस तक पहुंच चुकी है। जिसके बाद वहां सुरक्षा के मद्देनजर 5000 नेशनल गार्ड्स को तैनात कर इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। इस उग्र विरोध प्रदर्शन की वजह से अमेरिका के कैलिफोर्निया, वाशिंगटन, न्यूयॉर्क समेत अन्य 40 शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। तकरीबन 1400 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हिंसा के लिए अमरीकी वामपंथियों को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही लेफ्ट संगठन ANTIFA को आतंकी संगठन के रूप में नामित करने की बात कही है।

दरअसल, मिनेपॉलिस में 26 मई को अमरीकी पुलिस के द्वारा जॉर्ज फ्लॉयड नाम के एक अश्वेत व्यक्ति के साथ कथित रूप से बर्बरता की गई थी। जिससे उसकी मौत हो गयी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ।जिसमें एक पुलिस अफसर ने उस अश्वेत व्यक्ति की गर्दन अपने घुटने से तकरीबन आठ मिनट तक दबाए रखा। वीडियो में शख्स बार-बार पुलिस से छोड़ने की मिन्नतें करता रहा है पर अफसर ने उसकी एक नही सुनी।और जब उसकी हरकतें धीरे-धीरे बंद हो गईं तब अफसर ने उसे छोड़ दिया। इस दौरान वहां काफी लोग इकट्ठा हो गए और उसे अस्पताल लेकर जाने लगे जहां उसकी मौत हो गयी। इसके बाद अधिकारी द्वारा किए गए बर्बरता के इस मामले ने  तूल पकड़ा और अमरीका के हजारों लोग विभिन्न जगहों पर इसका विरोध करने लगे।

इसी क्रम में मिनेपॉलिस में हुए विरोध प्रदर्शन पर ट्वीट करते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लिखा कि ये ठग जॉर्ज फ्लॉयड की यादों का अपमान कर रहे हैं और मैं ऐसा नहीं होने दूंगा। इसके बाद लोगों का गुस्सा और भड़क गया और यह विरोध प्रदर्शन उग्र रूप लेकर हिंसा में तब्दील हो गया। हजारों प्रदर्शनकारी व्हाइट हाउस के बाहर जमा हो गए जिन्हें तितर-बितर करने के लिए गार्ड्स ने आंसू गैस के गोले छोड़े। जवाबी कार्रवाई में प्रदर्शनकारियों ने गार्ड्स पर पानी की बोतलें व अन्य चीजें फेंकी व वहीं मौजूद पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी।

बंकर में छिपे राष्ट्रपति ट्रंप

न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को व्हाइट हाउस के बाहर उग्र प्रदर्शन के दौरान मामला बिगड़ता देख अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सुरक्षा कारणों से व्हाइट हाउस में मौजूद बंकर में छिपाया गया। बंकर में ट्रंप करीब एक घण्टे तक छिपे रहे। बाद में ट्रंप ने अपने सुरक्षा में लगे सीक्रेट सर्विस एजेंट्स की खूब तारीफें की। ट्रंप ने ट्वीट कर कहा कि व्हाइट हाउस के बाहर इकट्ठा हुए प्रदर्शनकारियों से वे असुरक्षित महसूस कर रहे थे पर सीक्रेट सर्विस एजेंट्स ने उन्हें पूरी सुरक्षा प्रदान की। ज्ञात हो कि यह बंकर विषम परिस्थितियों एवं हमले की स्थिति में उपयोग में लाई जाती है।

वामपंथियों को ठहराया जिम्मेदार

अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस गतिरोध और विरोध प्रदर्शन का जिम्मेदार देश के वामपंथियों को बताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि देश के वामपंथी विचारधारा के लोग नागरिकों को डरा रहे हैं, इमारतों को जला रहे हैं व पुलिस को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने लेफ्ट संगठन ANTIFA को आतंकी संगठन घोषित करने की भी बात कही है। बता दें कि प्रदर्शन में शामिल तकरीबन 1400 लोगों को अबतक गिरफ्तार किया गया है वहीं देश के 40 विभिन्न शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है।