भारत में साल 2021 में अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े, अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट में दावा

अमेरिका ने धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारत में 2021 में पूरे साल अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों पर हमले होते रहे। इनमें गायों की सुरक्षा को लेकर हुई हत्या भी शाामिल है।

Updated: Jun 03, 2022, 03:47 AM IST

Photo Courtesy: NDTV India
Photo Courtesy: NDTV India

वॉशिंगटन। भारत में अल्पसंख्यकों पर आए दिन होने वाले हमलों को लेकर अमेरिका ने चिंता जताई है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने धार्मिक स्वतंत्रता से संबंधित एक रिपोर्ट भी जारी की है जिसमें भारत की मौजूदा परिस्थितियों का जिक्र है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में साल 2021 में अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं। 

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) की रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि, 'दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और कई धर्मों का घर माने जाने वाले भारत में लोगों और उनके धार्मिक स्थानों पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं। हमलों में हत्याएं, मारपीट और उत्पीड़न भी शामिल रहे।'

यह भी पढ़ें: सरकार को फिल्म प्रमोशन से फुर्सत नहीं, कश्मीरी पंडितों की हत्या पर बरसे राहुल गांधी

USCIRF की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2021 के दौरान भारत में धार्मिक स्वतंत्रता से संबंधित स्थितियों में काफी गिरावट आई है। 2021 में पूरे साल अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों के खिलाफ हत्या, मारपीट और धमकी समेत हमले होते रहे। इनमें गायों की सुरक्षा को लेकर हत्या या बीफ के व्यापार के आरोपों के आधार पर गैर हिंदुओं के खिलाफ हुए अपराध भी शमिल हैं। 

यह रिपोर्ट दुनियाभर में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति और उल्लंघन के लिए अपना दृष्टिकोण देती है और इसमें प्रत्येक देश पर अलग अलग अध्याय हैं। रिपोर्ट के भारत खंड में आरएसएस चीफ मोहन भागवत और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के बयानों का भी जिक्र है। इसमें लिखा गया है कि भारत सरकार के वैचारिक संरक्षक मोहन भागवत ने सार्वजनिक रूप से कहा कि यहां हिंदू और मुस्लिम समुदाय का DNA एक है। 

यह भी पढ़ें: रूसी खुफिया एजेंसी के अधिकारी का दावा व्लादिमीर पुतिन की मृत्यु नजदीक, जीवन के तीन वर्ष शेष

रिपोर्ट में उल्लेख है कि यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने 12 सितंबर को सार्वजनिक रूप से कहा कि यहां पहले की सरकारों ने लाभ वितरण में मुस्लिम समुदाय का पक्ष लिया था। रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है की वहां सोशल मीडिया पर लिए गए कमेंट्स तक के लिए गैर हिंदुओं को गिरफ्तार किया गया। बता दें कि इसी साल अप्रैल में अमेरिकी कांग्रेस के एक निकाय ने बाइडेन प्रशासन से भारत को धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति के संदर्भ में विशेष चिंता वाले देश के तौर पर वर्गीकृत करने की सिफारिश की थी।

बहरहाल, भारत सरकार पहले भी धर्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिका के कई अहम रिपोर्ट्स को खारिज कर चुकी है। अप्रैल में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थितिके संदर्भ में विशेष चिंता वाले रिपोर्ट पर भारत ने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी निकाय केवल अपनी पूर्वाग्रह दर्शाती है। साथ ही ये भी कहा था कि किसी भी विदेशी सरकार को हमारे नागरिकों के संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकारों के बारे में बोलने का अधिकार नहीं है।