भारतीय वैक्सीन सर्टिफिकेट पर ब्रिटेन को नहीं भरोसा, कोविशील्ड को अप्रूवल के बाद भी अनिवार्य क्वारंटीन में राहत नहीं

सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा तैयार कोविशील्ड वैक्सीन को यूके के यात्रा नियमों में मिली मान्यता, भारत की चेतावनी के बाद नरम पड़ा ब्रिटेन का रुख, यात्रा करने वालों को करना होगा 10 दिनों का अनिवार्य क्वारंटीन

Updated: Sep 22, 2021, 09:30 AM IST

Photo Courtesy: Bloomberg
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ब्रिटेन ने अपनी वैक्सीन नीति में एक बार फिर से फेरबदल किया है। यूके में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा तैयार कोरोना टीके कोविशील्ड को अपने नए ट्रेवल रूल्स के हिसाब से अप्रूवल दे दिया है। ब्रिटेन के इस फैसले के बाद भी यूके की यात्रा करने वाले हिन्दुस्तानियों को अनिवार्य क्वारंटीन रहना होगा। फिलहाल ब्रिटेन ने भारतीय वैक्सीन सर्टिफिकेट को मंजूरी प्रदान नहीं की है। दरअसल हाल ही में भारत ने ब्रिटेन को चेतावनी दी थी कि वह भी अपनी वैक्सीन नीति में बदलाव कर सकता है। यहां भी वहीं नियम लागू करने को कहा गया था जो भारतीयों के साथ यूके में लागू हैं।

अब आखिरकार भारत सरकार की कड़ी चेतावनी के बाद अब ब्रिटेन ने कोविशील्ड की दोनों डोज लगवाने वालों को यात्रा की परमीशन दे दी है। लेकिन अब नया पेंच फंसाते हुए वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर सवाल खड़ा किया है। ब्रिटेन की ओर से जारी नई गाइडलाइंस में लिखा है, ‘’एस्ट्राजेनेका कोविशील्ड, एस्ट्राजेनेका वजेवरिया और मॉडर्ना टकीडा के फॉर्मुलेशन को मान्यता दी गई है।’’ वहीं कोविशील्ड लगवाने वालों के लिए 10 दिन क्वारंटीन में कोई ढील नहीं दी है। अब भी भारतीयों को अनिवार्य क्वारंटीन रहना पड़ेगा। कहने का मतलब है कि ब्रिटेन को दवा से नहीं बल्कि सर्टिफिकेशन को लेकर भरोसा नहीं कर रहा है।

वहीं भारत सरकार ने यूके के इस फैसल को भारतीयों की ब्रिटिश यात्रा के लिए कोविशील्ड को मान्यता नहीं देने को भेदभावपूर्ण नीति करार दिया है। ब्रिटेन से पहले अमेरिका समेत विश्व के अन्य देश कोविशील्ड लगवा चुके भारतीयों को यात्रा की परमीशन दे चुके हैं।

 दरअसल यूके सरकार ने 18 सितंबर को नियम जारी किया था। इस दौरान जारी लिस्ट के अनुसार भारत समेत अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की, जॉर्डन, थाईलैंड और रूस में वैक्सीनेट हुए लोगों को भी ब्रिटेन में अनवैक्सीनेटेड माना जाएगा। जिसे लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने tweet करके इस नियम को बेहूदा करार दिया था। शशि थरूर को ब्रिटेन में रोका गया था उन्होंने इन नियमों को नस्लीय बताया था। भारत के साथ यह तब हो रहा है जबकि कोवीशील्ड ब्रिटेन में ही डेवलप की गई है। सीरम इंस्टीट्यूट ने वैक्सीन सप्लाई ब्रिटेन को भी की है।