भारत के क्रिमिनल्स को वीजा दे रहा कनाडा, पूर्व कनाडाई पुलिस अधिकारी ने खोली ट्रुडो सरकार की पोल

पंजाब के कई आतंकियों और गैंगस्टरों ने देश से फरार होने के बाद कनाडा में पनाह ले रखी है और वे वहीं से भारत विरोधी गतिविधियों को संचालित कर रहे हैं।

Updated: Nov 06, 2024, 09:28 AM IST

भारत व कनाडा के रिश्तों की कड़वाहट बढ़ती जा रही है। दोनों देशों के बिगड़ते रिश्ते का मुख्य कारण कनाडा द्वारा खालिस्तानी आतंकियों के साथ-साथ गैंगस्टरों को पनाह देना है। हालात ऐसे हैं कि पंजाब के कई आतंकियों और गैंगस्टरों ने देश से फरार होने के बाद कनाडा में पनाह ले रखी है और वे वहीं से भारत विरोधी गतिविधियों को संचालित कर रहे हैं।

ऐसे अपराधियों को भारत को सौंपने के बजाय अपने लाभ के लिए कनाडा, उन्हें वहां पर संरक्षण दे रहा है। इस बात का खुलासा कनाडा के ही एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने भी की है। टोरंटो के पूर्व पुलिस सार्जेंट डोनाल्ड बेस्ट ने कहा कि कनाडा में अप्रवासियों के लिए उचित जांच प्रक्रियाओं का अभाव है। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि कनाडा की वीजा स्वीकृति प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण है, जिससे आपराधिक पृष्ठभूमि वाले और भारत में संगठित अपराध से जुड़े लोगों को देश में प्रवेश करने की अनुमति मिलती है।

एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में डोनाल्ड बेस्ट जो एक खोजी पत्रकार भी हैं, उन्होंने खालिस्तानी अलगाववादियों को कनाडा में राजनीतिक स्थान मिलने के बारे में भारत की चिंताओं का समर्थन किया। बेस्ट ने कहा कि भारत के विदेश मंत्री ने उल्लेख किया है कि कनाडा उन लोगों के लिए वीजा स्वीकृत कर रहा है जो अपराधी हैं और भारत में संगठित अपराध के सदस्य थे। मेरा मानना है कि यह सच है। हमारे अप्रवासियों की हमारे पास बिल्कुल भी जांच नहीं है।

बेस्ट ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह बड़ी संख्या में खालिस्तानी अलगाववादियों को कनाडा की ओर आकर्षित कर रहा है क्योंकि वे संरक्षित हैं और उन्हें यहां शरण मिलती है और उनका समुदाय बढ़ रहा है। ओटावा के साथ दिल्ली के संबंधों में गिरावट देखी गई है क्योंकि भारत ने बार-बार कनाडा में उग्रवाद और हिंसा की संस्कृति और भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है।'

डोनाल्ड बेस्ट ने ट्रूडो की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि कनाडा में अशांति है और लगभग 40 मिलियन की छोटी आबादी वाले देश में, पिछले लगभग दो वर्षों में लगभग पांच प्रतिशत अप्रवासी आए हैं। कनाडा की आपराधिक खुफिया सेवा के अनुसार, कनाडा में 2,600 से अधिक संगठित क्रिमिनल ग्रुप्स सक्रिय हैं। जो सार्वजनिक सुरक्षा और सामाजिक स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं।