Hong Kong National Security Bill : चीन में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पास

आलोचकों का कहना है कि यह कानून हांगकांग की अर्द्ध स्वायत्तता को खत्म कर देगा

Publish: Jun 30, 2020, 11:50 PM IST

Pic: Swaraj Express
Pic: Swaraj Express

चीन की संसद ने हांगकांग के लिए नए विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को पास कर दिया है। चीन का कहना है कि इस कानून का प्रयोग क्षेत्र में अशांति फैलने से रोकने और आतंकवादियों पर शिकंजा  कसने के लिए किया जाएगा। वहीं आलोचक और प्रदर्शनकारी इस कानून को हांगकांग की अर्धस्वायत्ता पर हमला बता रहे हैं। यह कानून चीनी सुरक्षा एजेंसियों को हांगकांग में काम करने की अनुमति देगा। इस कानून को लेकर चीन और अमेरिका और पश्चिमी यूरोपीय देश चीन की आलोचना कर रहे हैं। हालांकि, इस कानून का पूरा विवरण अभी सामने नहीं आया है।

चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू शीजिन ने ट्वीट करते हुए कहा, “मुझे यह जानकारी मिली है कि हांगकांग के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को इस सुबह चीन की सर्वोच्च विधायिका ने पास कर दिया है। जिन लोगों ने ड्राफ्ट देखा है वे बता रहे हैं कि अधिकतम सजा उम्रकैद है। कानून एक जुलाई से लागू होगा। आधिकारिक जानकारी बाद में दी जाएगी।” 

उधर हांगकांग में अधिकारियों ने कहा कि यह कानून बढ़ती हिंसा और ‘‘आतंकवाद’’ पर लगाम लगाने के लिए आवश्यक है और क्षेत्र के निवासियों को इससे डरने की जरूरत नहीं है। इस कानून के पास होने के लिए हांगकांग की संसद की मंजूरी जरूरी नहीं थी।

आलोचकों को डर है कि इस कानून से बीजिंग में नेतृत्व पर सवाल उठाने, प्रदर्शन में शामिल होने और स्थानीय कानून के तहत अपने मौजूदा अधिकारों का उपयोग करने के लिए हांगकांग निवासियों पर मुकदमा चलाया जा सकता है। आलोचक इसे ‘एक देश और दो व्यवस्था’ के खिलाफ बता रहे हैं।

अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने नए सुरक्षा कानून की निंदा करते हुए इसे हांगकांग वासियों की आजादी पर हमला बताया है। अमेरिका ने इसके बदले कार्रवाई करते हुए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों के ऊपर वीजा बैन लगा दिया। बदले में चीन ने भी उन अमेरिकियों पर वीजा बैन लगा दिया जो हांगकांग के लिए इस कानून पर अनावश्क दखल दे रहे थे।

वहीं यूरोपीय संघ ने कानून के पास हो जाने के बाद चीन को अंतरराष्ट्रीय अदालत ले जाने की धमकी दी थी। ब्रिटेन ने कहा था कि अगर कानून पास हो जाता है तो वह हांगकांग के लोगों को नागरिकता प्रदान कर सकता है।

अमेरिका ने चीनी संसद से इस कानून को मंजूरी मिलने के बाद कहा था कि वह हांगकांग को दी जाने वाली विशेष व्यापारिक सहूलियतें नहीं देगा क्योंकि वह इसे अब मुख्य चीन से अलग नहीं मानता है। कानून के पास हो जाने के बाद अमेरिका ने फिर से अपनी यह बात दोहराई है और चीन से कहा है कि वह यह कानून वापस ले ले।

वहीं चीन की तरफ से बार-बार कहा जा रहा है कि यह कानून उसका आंतरिक मामला है और इसमें किसी भी तरह के विदेशी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

बहरहाल ‘हांगकांग बार एसोसिएशन’ ने कहा है कि चीन का प्रस्तावित नया सुरक्षा कानून अदालतों में दिक्कतों में फंस सकता है क्योंकि बीजिंग के पास अपने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को पूर्व ब्रिटिश कॉलोनी के लिए लागू करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।