क्या बांग्लादेश हिंसा में विदेशी ताकतों का हाथ, राहुल गांधी के सवाल पर विदेश मंत्री ने लिया पाकिस्तान का नाम

एस जयशंकर ने बताया कि शेख हसीना सोमवार अभी सदमे में हैं। वो आगे क्या करेंगी, यह सोचने और दूसरे मुद्दों पर उनसे बात करने से पहले भारत सरकार उन्हें ठीक होने का समय दे रही है।

Updated: Aug 06, 2024, 04:50 PM IST

ढाका। बांग्लादेश में हिंसा और राजनीतिक संकट के बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद भवन में सर्वदलीय बैठक की। विदेश मंत्री एय जयशंकर ने सभी पार्टी के नेताओं को पड़ोसी देश में मौजूदा हालात की जानकारी दी। इस दौरान लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सरकार से आगे की रणनीति के संबंध में चर्चा की।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैठक में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र से पूछा कि क्या बांग्लादेश हिंसा के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ हो सकता है? इसके जवाब में एस जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के एक डिप्लोमैट सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाइल फोटो में लगातार बांग्लादेश आंदोलन की तस्वीरें लगा रहे थे। इसलिए इस एंगल की जांच की जा रही है।

राहुल गांधी ने आगे पूछा कि क्या भारत सरकार को बांग्लादेश में हो रही घटना की आशंका थी? इसपर
एस जयशंकर ने कहा कि भारत स्थिति पर नजर रख रहा है। राहुल गांधी ने आगे कहा कि बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के असर से निपटने के लिए शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म के लिए भारत सरकार की क्या रणनीति है? इसपर एस जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश में तेजी से हालात बदल रहे हैं। अपने अगले कदम को दुरुस्त करने के लिए केंद्र इसका बारीकी से विश्लेषण कर रहा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक जयशंकर ने बताया कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना सोमवार शाम से भारत में शरण लिए हुए हैं। वो अभी सदमे में हैं। वो आगे क्या करेंगी, यह सोचने और दूसरे मुद्दों पर उनसे बात करने से पहले भारत सरकार उन्हें ठीक होने का समय दे रही है। भारत ने हसीना को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।

जयशंकर ने बताया कि इस वक्त बांग्लादेश में 10,000 से ज्यादा भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। उनकी सुरक्षा के लिए भारत ने बांग्लादेश के सेना प्रमुख से भी बात की है। पड़ोसी देश में प्रदर्शनकारियों ने अल्पसंख्यकों के घरों और संपत्तियों को भी निशाना बनाया है। सरकार का फोकस वहां फंसे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर भी है।

बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई दलों के नेता शामिल हुए।