Beirut Blast: लेबनान को अनाज और दवाइयां भेजेगा भारत

बेरुत धमाके के बाद शहर में अनाज और दवाइयों की कमी। पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहा था लेबनान।

Updated: Aug 09, 2020, 12:46 AM IST

Pic: Swaraj Express
Pic: Swaraj Express

पहले से ही खराब आर्थिक हालात से जूझ रहे लेबनान की राजधानी बेरुत में बंदरगाह पर हुए भीषण धमाके के बाद हालात और खराब हो गए हैं। कोरोना वायरस संकट के बीच बेरुत में दवाइयों और अनाज की कमी हो गई है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक लोग एक्सपायर हो चुके खाद्य पदार्थों को खाने को मजबूर हैं। ऐसे में कई देशों ने लेबनान की तरफ मदद के हाथ बढ़ाए हैं। इस क्रम में भारत भी अपनी तरफ से अनाज और दवाइयां भेजने की तैयारी कर रहा है।

पिछले चार अगस्त को बेरुत के एक बंदरगाह पर 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट से भरे जहाज में विस्फोट हो गया था। यह जहाज वहां 2013 से मौजूद था। इस विस्फोट में अब तक कुल 137 लोग मारे जा चुके हैं, वहीं पांच हजार से अधिक लोग घायल हैं। विस्फोट के बाद तीन लाख से अधिक लोग बेघर हो गए हैं। मरने वाले में पांच भारतीय भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने बार-बार अमोनियम नाइट्रेट से भरे जहाज को तैरता हुआ बम बताते हुए चेतावनी दी थी कि अगर इसमें विस्फोट होता है तो पूरा बेरुत शहर तबाह हो जाएगा।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने अपने सूत्रों के हवाले से बताया कि लेबनान में भारत के राजदूत सुहेल एजाज भारतीय समुदाय से संपर्क साधे हुए हैं। लेबनान में लगभग चार हजार भारतीय रहते हैं और होटलों एवं निर्माण कार्यों में काम करते हैं। विस्फोट के कारण अनाज भंडारण के ज्यादातर स्थान तबाह हो गए हैं। एक 120,000 टन क्षमता वाला अनाज भंडारण स्थान पूरी तरह नष्ट हो गया है। इसके अलावा बंदरगाह के तबाह हो जाने के कारण सप्लाई चेन बाधित हो गई है। बेरुत बंदरगाह से लेबनान का 60 प्रतिशत आयात होता है। 

विस्फोट में बेरुत के तीन अस्पतालों को भी क्षति पहुंची हैं। इनमें से एक 1,100 बेड का अस्पताल है। बताया जा रहा है कि विस्फोट के कारण एंटीबायोटिक्स और पेन किलर्स जैसी बेसिक दवाइयों की भी भारी कमी हो गई है। भारत इस समय में दवाओं के क्षेत्र में विश्व का अग्रणी उत्पादनकर्ता है। ऐसे में इनकी आपूर्ति के लिए भारत बस लेबनान की हामी का इंतजार कर रहा है।