जॉर्डन के शाही परिवार में घमासान, तख्ता पलट के आरोप में किंग ने सौतेले भाई को किया नजरबंद

जॉर्डन में हमजा किंग अब्दुल्ला से भी ज्यादा लोकप्रिय शख्सियत हैं, हमजा पूर्व में क्राउन प्रिंस भी थे, हालांकि, किंग ने साल 2004 में उनसे यह उपाधि छीन ली

Updated: Apr 04, 2021, 08:17 AM IST

Photo Courtesy: DW
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अम्मान। पश्चिम एशिया में अमेरिका के खास सहयोगी माने जानेवाले जॉर्डन की राजशाही का अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गया है। जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय ने अपने सौतेले भाई, और जॉर्डन ने पूर्व क्राउन प्रिंस हमजा बिन हुसैन को नजरबंद कर दिया है। हमजा के वकील ने उनका एक वीडियो संदेश जारी किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्हें घर मे नजरबंद कर दिया गया है। आरोप तो यह भी है कि हमज़ा का इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है और फोन कॉल करने की सुविधा भी छीन ली गयी है। हमज़ा पर आरोप है कि वो किंग अब्दुल्लाह का तख्तापलट करने की साज़िश रच रहे थे।

मीडिया रिपोर्टस में कहा जा रहा है कि, हमजा ने अपने पांच मिनट के वीडियो में देश के अंदर जारी भ्रष्टाचार, राजनीतिक अक्षमता और उत्पीड़न जैसे आरोप लगाए हैं। जबकि प्रिंस हमज़ा ने खुद पर लगे आरोपों का खंडन किया है। और कहा है कि वो किसी भी साज़िश का हिस्सा नहीं हैं। शनिवार को रिकॉर्ड किए गए वीडियो में उन्होंने कहा, 'जॉर्डन सैन्य बलों के चीफ़ ऑफ़ जनरल स्टाफ़ आज सुबह मेरे पास आए थे और उन्होंने मुझे सूचित किया था कि मुझे बाहर जाने, लोगों से बात करने या मिलने की अनुमति नहीं है क्योंकि मैं जिन बैठकों में शामिल हुआ हूं या मुझसे जुड़ी जो सोशल मीडिया पोस्ट्स हैं उनमें सरकार या किंग की आलोचना होती रही है।' इससे पहले जॉर्डन में राजशाही और सरकार के खिलाफ बोलने वाले 19 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। 

हमजा को हटाकर ही गद्दी तक पहुंचे हैं किंग अब्दुल्ला

दरअसल, साल 1999 में हमजा को जब क्राउन प्रिंस की उपाधि दी गई, और उन्हें किंग हुसैन का उत्तराधिकारी बनाया गया, तब हमज़ा की उम्र कम थी। किंग हुसैन की असामयिक मौत के वक्त प्रिंस हमजा की कम उम्र कम को देखते हुए अब्दुल्ला को गद्दी  संभालने का मौका मिला। अब्दुल्ला ने गद्दी संभालने के बाद साल 2004 में हमजा से क्राउन प्रिंस का उपाधि छीन ली। तब से ही दोनों के बीच तकरार जारी है।

हमज़ा जॉर्डन के दिवंगत किंग हुसैन और उनकी पसंदीदा पत्नी क्वीन नूर के सबसे बड़े बेटे हैं। वे ब्रिटेन के हैरो स्कूल और रॉयल मिलिट्री एकेडमी, सेंडहर्स्ट से ग्रैजुएट हैं। उन्होंने अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय से भी पढ़ाई की है और जॉर्डन की सेना में अपनी सेवाएं दी है। हमजा दिवंगत किंग हुसैन के चहेते थे और उन्हें सार्वजनिक तौर पर किंग 'अपनी आंखों का सुकून' कहते थे।  

हमज़ा से क्राउंग प्रिंस की उपाधि छीना जाना महारानी नूर के लिए एक बड़ा झटका था जो अपने सबसे बड़े बेटे को किंग देखना चाहती थीं। यह भी कहा जाता है कि जॉर्डन में हमजा एक लोकप्रिय शख्सियत हैं। वो आम लोगों से जुड़े हैं, धार्मिक और विनम्र शख्स के तौर पर उनकी छवि है और उन्हें अपने पिता दिवंगत किंग हुसैन के जैसा शख्स माना जाता है।