Kamala Harris: रोजगार, स्वास्थ्य देखभाल जैसे मुद्दों पर करेंगी काम

USA Presidential Election: डेमोक्रेटिक पार्टी की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने गिनाई प्राथमिकताएँ, ट्रंप शासन पर साधा निशाना

Updated: Aug 14, 2020, 03:27 AM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने कहा कि निर्वाचित होने पर जो बाइडेन प्रशासन लाखों नौकरियों का सृजन करेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रशासन जलवायु परिवर्तन के खिलाफ संघर्ष करेगा और सबकी पहुंच वाले केयर (स्वास्थ्य देखभाल) के लिए कानून लाने के साथ ही अमेरिकी लोगों के कल्याण के लिए कई अन्य पहल शुरू करेगा।

उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवार चुने जाने के बाद पहली बार सार्वजनिक मंच पर हैरिस ने ट्रंप प्रशासन के साढ़े तीन साल के शासन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने मौजूदा अमेरिकी सरकार की ओर से उठाए गए गलत कदमों की एक लंबी सूची जनता के सामने पेश की।

उन्होंने कहा, ‘बाइडेन-हैरिस प्रशासन के तौर पर हम लाखों नौकरियों का सृजन करेंगे और स्वच्छ ऊर्जा क्रांति के जरिए हम जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ेंगे। अनिवार्य आपूर्ति श्रृंखला को वापस लाएंगे ताकि भविष्य अमेरिका में तैयार हो। सबकी पहुंच वाला देखभाल अधिनियम (अफोर्डेबल केयर एक्ट) बनाएंगे ताकि स्वास्थ्य बीमा के साथ सभी की जिंदगी में शांति रहे और देखभाल करने वालों को भी सम्मान, आदर और जितने के वो अधिकारी है, उन्हें उतना मिल सके।’

हैरिस ने कहा, ‘‘ हम हर एक महिला के अधिकार की रक्षा करेंगे ताकि वह अपने शरीर के बारे में खुद निर्णय ले सके, हम अपनी न्याय प्रणाली से संस्थाबद्ध नस्लवाद को खत्म करेंगे और एक नया मतदान अधिकार अधिनियम - जॉन लेविस मतदान अधिकार अधिनियम - पारित करेंगे ताकि हर किसी की आवाज का सुना जाना और उसे दर्ज किया जाना सुनिश्चित हो सके।’’

हैरिस ने बाइडेन के साथ अपने भाषण के दौरान कहा कि राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप और उप राष्ट्रपति माइक पेंस के बारे में सबको पता है और उन्होंने (हैरिस) अमेरिकी लोगों के प्रति इनकी जवाबदेही तय करने के लिए हर दिन काम किया है। अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि ऐसे कई सेक्टर हैं जहां मौजूदा सरकार ने काफी गड़बड़ियां की है।

हैरिस ने लोगों की नौकरियां जाने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस ने लगभग हर देश को प्रभावित किया लेकिन अमेरिका किसी भी विकसित देश के मुकाबले बुरी तरह प्रभावित हुआ। हैरिस ने आरोप लगाया कि शुरुआती चरण में इसे गंभीरता से लेने में ट्रंप की विफलता की वजह से ऐसा हुआ।