नेपाल: राष्ट्रपति ने भंग की संसद, मध्यावधि चुनाव की तारीखों का किया ऐलान

नेपाल की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 121 सीटों के साथ सीपीएन-यूएमएल सबसे बड़ा दल है। बहुमत से सरकार बनाने के लिए 138 सीटों की जरूरत होती है।

Updated: May 22, 2021, 04:44 AM IST

Photo courtesy: ABP
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काठमांडु। नेपाल में एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम के बाद राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने संसद भंग कर मध्यावधि चुनाव कराने का ऐलान किया है। यह मध्यावधि चुनाव 12 और 19 नवंबर को होंगे। राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री पद के लिए शेर बहादुर देऊबा और केपी शर्मा ओली दोनों के दावे को खारिज कर दिया है। नेपाल कार्यालय की ओर से इसकी जानकारी दी गई।


बता दें शुक्रवार को नेपाल के राजनीतिक संकट उस वक्त मोड़ ले लिया जब प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और विपक्षी दलों  दोनों ने ही राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी को सांसदों के हस्ताक्षर वाले पत्र सौंपकर नयी सरकार बनाने का दावा पेश किया। ओली विपक्षी दलों के नेताओं से कुछ मिनट पहले राष्ट्रपति के कार्यालय पहुंचे थे।


ओली ने संविधान के अनुच्छेद 76 (5) के अनुसार पुन: प्रधानमंत्री बनने के लिए अपनी पार्टी सीपीएन-यूएमएल के 121 सदस्यों और जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल (जेएसपी-एन) के 32 सांसदों के समर्थन के दावे वाला पत्र सौंपा था। वहीं नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने 149 सांसदों का समर्थन होने का दावा किया था। देउबा प्रधानमंत्री पद का दावा पेश करने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं के साथ राष्ट्रपति के कार्यालय पहुंचे।


ओली ने 153 सदस्यों का समर्थन होने का दावा किया, वहीं देउबा ने दावा किया कि उनके पाले में 149 सांसद हैं। नेपाल की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 121 सीटों के साथ सीपीएन-यूएमएल सबसे बड़ा दल माना जाता है। बहुमत से सरकार बनाने के लिए 138 सीटों की जरूरत होती है।