विमान यात्रा में Aarogya setu ऐप अनिवार्य करने पर सवाल
विमान यात्रा के लिए दिशा निर्देश तय, ऐप के बिना यात्रा नहीं

केंद्र सरकार ने आज घरेलू उड़ानों के लिए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। ताज़ा निर्देश के मुताबिक हवाई सफर का पूरा अनुभव बदलने वाला है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने भी पैसेंजर और एयरपोर्ट ऑपरेटर्स के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर भी जारी कर दिया है। जिसके तहत 14 साल तक के बच्चों को छोड़ बाकी सभी यात्रियों को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना जरूरी किया गया है। हर यात्री के मोबाइल फोन में न केवल आरोग्य सेतु एप इंस्टॉल होने के साथ उसका स्टेटस भी ग्रीन होना चाहिए, नहीं तो यात्री को एयरपोर्ट टर्मिनल के भीतर इंट्री नहीं मिलेगी। एयरपोर्ट पर अब फ्लाइट के निर्धारित समय से दो घंटे पहले पहुंचना होगा। एयरपोर्ट पहुंचने के लिए ऑथराइज्ड टैक्सी का ही इस्तेमाल करना अनिवार्य किया गया है। एयरपोर्ट पर केवल डिजिटल मोड से पेमेंट करने की बाध्यता होगी। एयरपोर्ट पर यात्रियों को 6 फीट की दूरी जरूरी तौर पर बनाए रखनी होगी। साथ ही मास्क व ग्लब्स पहनना अनिवार्य होगा।एक यात्री को सिर्फ एक बैग ले जाने की परमिशन मिलेगी। वेब चेक-इन के वक्त ही ये बात क्लीयर हो जाएगी।
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने घरेलू विमान यात्रा के दौरान आरोग्य सेतु एप को अनिवार्य करने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा है कि इस नियम को किस कानून के तहत लागू किया गया है।
Govt issues guidelines for passengers, airports for resumption of domestic flights https://t.co/cUoG2IQmyT
— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 21, 2020
-via @inshorts
Under what Law has Govt made Aarogya App mandatory for all passengers on domestic flights?
प्रख्यात वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने भी आरोग्य सेतु ऐप को अनिवार्य करने को अवैधानिक बताया है।
The compulsory use of Arogya Setu app for traveling by flights is illegal & a violation of the right to privacy https://t.co/68BnRCwgRd
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) May 21, 2020
गोविंदाचार्य ने भी उठाए हैं सवाल
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व विचारक केएन गोविंदाचार्य भी आरोग्य सेतु ऐप पर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि इस ऐप के जरिए लोगों के कॉन्टैक्ट लिस्ट की जासूसी हो रही है। उन्होंने सरकार की आईटी सेल राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र की प्रमुख नीता वर्मा को नोटिस भेजा था। गोविंदाचार्य ने कहा है कि यदि सरकार इस ऐप को अनिवार्य कर रही है तो इससे होने वाली जासूसी और चूक के लिए भी उसे जिम्मेदार होना चाहिए।
सरकार खुद बदल चुकी है अपना आदेश
आरोग्य सेतु एप पर जासूसी के आरोपों के बाद सरकार ने इसे लेकर लचीला रूख अपना लिया है। लॉकडाउन 4.0 के लिए जारी दिशा निर्देश में आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल अनिवार्य नहीं किया गया है। जबकि लॉकडाउन के पहले तीन चरणों में इस ऐप का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया गया था। दफ्तर जाने वाले सभी कर्मचारियों के लिए यह अनिवार्य था। लेकिन इस बार इस ऐप को डाउनलोड करने की सलाह दी गई है और इसे अनिवार्य नहीं किया गया है। कहा गया है कि जहां तक संभव हो यानी बेस्ट एफर्ट बेसिस पर इस ऐप का इस्तेमाल किया जाए और स्थानीय प्रशासन लोगों को इस ऐप को इस्तेमाल करने के लिए जागरुक करें। साथ ही किसी कर्मचारी द्वारा ऐप का इस्तेमाल न करने पर फैक्टरी मालिक या दफ्तर प्रमुख के खिलाफ होने वाली कार्रवाई को भी खत्म कर दिया गया है।