मास्क लगाकर कतार, पहले तापमान फिर मतदान

दक्षिण कोरिया पहला देश है जहाँ कोरोना वायरस के फैलने के बाद संसदीय चुनाव हो रहे हैं। लोग मास्‍क लगा कर कतार में खड़े हैं। मतदान के पहले उनका तापमान लिया जाता है।

Publish: Apr 16, 2020, 05:43 AM IST

एक तरफ विश्व के अधिकांश लोग कोरोना महामारी से बचने के लिए घरों में कैद हैं, वहीं एक समय कोरोना संक्रमण से जूझ रहे दक्षिण कोरिया में लाखों की संख्या में लोग मतदान करने के लिए मुंह पर मास्क लगाकर कतारों में खड़े हैं। बुधवार को दक्षिण कोरिया में 300 सदस्यीय नेशनल असेंबली के लिए चुनाव हो रहे हैं। 

कोरोना वायरस सम्बन्धी सावधानियों को सुनिश्चित करने के लिए मतदान केन्द्रों पर जाने से पहले सभी मतदातों के तापमान की जांच की जा रही है। अधिकारी ये प्रयास कर रहे हैं कि कोरोना संक्रमण फैले बिना मतदान की प्रक्रिया पूरी की जा सके। ऐसे में जिन लोगों के शरीर का तापमान अधिक आ रहा है, उन्हें अलग पोलिंग बूथ पर वोटिंग के लिए ले जाया जा रहा है। कतार में खड़े मतदाताओं को एक दूसरे से 3 फुट की दूरी बनाए रखने को कहा गया है। साथ ही मतदाताओं को अपने हाथों में सेनेटाइजर लगाने और मतदान से पहले हाथ के दस्ताने उतारने की सलाह दी जा रही है।

गौरतलब है कि कोरोना महामारी को देखते हुए जहां फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम में चुनाव स्थगित कर दिए गए  है, वहीं महामारी के बीच भी दक्षिण कोरिया में राष्ट्रीय चुनाव कराए जा रहे हैं। संक्रमण से बचने के लिए प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की हैं। 14000 मतदान स्थलों को डिस इन्फेक्ट करने के बाद आज सुबह 6 बजे से मतदान की प्रक्रिया शुरू की गई है, जो शाम 6 बजे तक चलेगी। दो हफ्ते के लिए क़वारन्टीन किए गए ऐसे 13 हजार मतदाताओं को भी सरकारी अधिकारी शाम 6 बजे के बाद मतदान करने के लिए ले जाएंगे।

नेशनल असेम्बली पर नियंत्रण के लिए मुख्य मुकाबला राष्ट्रपति मून जे इन  की डेमोक्रेटिक पार्टी और रूढ़िवादी विपक्षी दल यूनाइटेड फ्यूचर के बीच है। हालांकि अभी असेम्बली में इन दोनों दलों में से किसी का भी बहुमत नहीं है। इसके अलावा 30 छोटे दल भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। देश में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने से इन चुनावों में मून की पार्टी का पलड़ा भारी बताया जा रहा है। बता दें कि फरवरी मार्च में कोरोना संक्रमण से जूझ रहे दक्षिण कोरिया ने इस महामारी को फैलने से रोकने में अधिक संख्या में परीक्षण और संक्रमित लोगों को आइसोलेट कर उनका इलाज करके ठीक करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।