बाइडेन को सत्ता सौंपने में अड़ंगा लगा रहे ट्रंप के अफ़सर, अब तक जारी नहीं की ज़रूरी चिट्ठी

ट्रंप प्रशासन की GSA एडमिनिस्ट्रेटर ने अब तक जारी नहीं किया एसरटेनमेंट लेटर, इस चिट्ठी के बिना शुरू नहीं हो सकता ट्रांसफर ऑफ पावर का काम

Updated: Nov 09, 2020, 05:47 PM IST

Photo Courtesy: The Quint
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वॉशिंगटन डीसी। जो बाइडेन को अमेरिका की जनता से भले ही अपने देश का नया राष्ट्रपति चुन लिया हो, लेकिन मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सत्ता की चाबी नई टीम के हवाले करने को तैयार नहीं हैं। न सिर्फ़ ट्रंप बल्कि उनकी टीम के अफसर भी अब सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया में रोड़े अटकाने में लगे हैं। ये चौंकाने वाली जानकारी अमेरिका के प्रमुख अख़बार वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी एक ख़बर में दी है।

अख़बार ने बताया है कि अमेरिका की जनरल सर्विसेज़ एडमिनिस्ट्रेशन (GSA) की एक अधिकारी ने उस पत्र पर दस्तखत करने से इनकार कर दिया है, जिसके बिना जो बाइडेन की टीम ट्रांसफर ऑफ पावर यानी सत्ता हस्तांतरण से जुड़े ज़रूरी काम शुरू नहीं कर सकती। ट्रंप के इशारे पर अड़ियल रवैया दिखाने वाली इस अधिकारी का नाम एमिली मर्फी है और वो GSA की एडमिनिस्ट्रेटर हैं।

अखबार के मुताबिक अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में नए नेता की जीत के एलान के बाद GSA एडमिनिस्ट्रेटर एक पत्र जारी करता है, जिसे एसरटेनमेंट लेटर कहते हैं। इस पत्र के जरिए नए राष्ट्रपति की टीम को सभी सरकारी विभागों के साथ मिलकर हैंडओवर यानी सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए अधिकृत किया जाता है। जब तक यह पत्र जारी नहीं हो जाता यह काम शुरू नहीं हो सकता। आम तौर पर यह पत्र जीत का एलान होने के दिन या उसके अगले दिन तक जारी हो जाता है। लेकिन एमिली मर्फी ने अब तक ऐसा पत्र जारी नहीं किया है और न ही जल्दी ऐसा किए जाने के संकेत ट्रंप प्रशासन की तरफ से मिल रहे हैं।

वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने उनसे नाम न बताने की शर्त पर कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप के अब तक हार स्वीकार न करने की वजह से कोई भी अधिकारी आगे बढ़कर ट्रांसफ़र ऑफ पावर की प्रक्रिया में सहयोग करने को तैयार नहीं होगा। इतना ही नहीं, एक अधिकारी ने अख़बार को बताया कि ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों को ऐसे निर्देश दिए जाने के आसार हैं कि वे जो बाइडेन की टीम से कोई बात न करें। अगर ऐसा होता है तो अमेरिका के इतिहास में एक हैरान करने वाली स्थिति होगी। इससे पहले साल 2000 में ऐसा हुआ था, लेकिन उस वक़्त सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वोटों की दोबारा गिनती इसकी वजह थी।

अमेरिका में नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण 20 जनवरी को होता है, लेकिन नए राष्ट्रपति की टीम नतीजों के एलान के बाद से ही पुरानी टीम के साथ काम करना शुरू कर देती है ताकि सत्ता का हस्तांतरण बिना किसी अड़चन के हो सके। इससे नई टीम को अपने कार्यकाल के पहले दिन से ही सारे काम करने में आसानी रहती है। अख़बार के मुताबिक़ अमेरिकी विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रक्रिया के शुरू होने में एक दिन की देरी भी सरकार के कामकाज में बाधा बनती है। ख़ास तौर पर ऐसे वक्त में जब नए राष्ट्रपति को कामकाज संभलाने के साथ ही कोरोना महामारी जैसी बड़ी समस्या से निपटना होगा।