अगले 24 से 36 घंटों में काबुल हवाई अड्डे पर एक और हमले की आशंका 

अमेरिकी सैन्य कमांडरों से मिली सूचना के बाद राष्ट्रपतिबाइडेन ने दी चेतावनी, अमेरिकी दूतावास ने भी जारी किया अलर्ट

Publish: Aug 29, 2021, 06:08 AM IST

courtesy: bbc
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नई दिल्ली 
काबुल में अमेरिका के एयरलिफ्ट ऑपरेशन के आखिरी चरण से पहले एक और आत्मघाती हमले की धमकी मिली है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चेतावनी दी है कि अमेरिका के अफगानिस्तान से पूरी तरह निकलने से पहले काबुल एयरपोर्ट पर एक और हमले की आशंका है। तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के एक पखवाड़े के भीतर अमेरिका की अगुवाई में चलाये जा रहे एयरलिफ्ट ऑपरेशन के तहत अब तक करीब 1 लाख 12 हजार लोग अफगानिस्तान छोड़ चुके हैं।  पश्चिमी शक्तियों के ये कहने के बावजूद की अभी भी हजारों लोगों को अफगानिस्तान से निकालना बचा हुआ है, अमेरिका 31 अगस्त को एयरलिफ्ट ऑपरेशन बंद करने जा रहा है। 
इस्लामिक स्टेट की ओर से गुरुवार को अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाकर किये गए आत्मघाती हमले में सैकड़ों लोग मारे गए थे। इस हमले के बाद अफगानिस्तान से लोगों को बचाकर निकालने का पूरा अभियान रक्तरंजित हो गया। लोगों को हवाई अड्डे में प्रवेश करने से रोक दिया गया और बड़ी संख्या में लोग वहां फंस गए। हमले के बाद अमेरिका का एयरलिफ्ट अभियान धीमा पड़ गया है जबकि बाइडेन की ओर से अफगानिस्तान छोडने की समय सीमा 31 अगस्त को समाप्त हो रही है।  
पेंटागन को ओर से शनिवार को कहा गया था कि काबुल एयरपोर्ट पर हमले के जवाब में उसने पूर्वीं अफगानिस्तान में ड्रोन से बमबारी की।  इस हमले में आईएसआईएस के दो बड़े जेहादियों को मार गिराया गया। अमेरिका के आईएसआईएस पर किये गए ड्रोन अटैक के बाद ही बाइडेन ने समूह की ओर से और हमले की चेतावनी दी है। 
राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा है कि अफगानिस्तान में स्थिति बहुत ही खतरनाक बनी हुई है।  काबुल एयरपोर्ट पर आतंकवादी हमले का खतरा अभी भी कायम है। हमारे कमांडरों ने बताया है कि अगले 24 से 36 घण्टों में हमले की अत्यधिक आशंका है। 
बाइडेन के बयान के बाद काबुल स्थित अमेरिकी दूतावास ने हवाई अड्डे के प्रवेश द्वार सहित विशिष्ट क्षेत्र में खतरे की चेतावनी जारी की है। गौरतलब है कि हाल के वर्षों में आईएसआईएस का अफगानिस्तान पाकिस्तान चैप्टर देश के कुछ बेहद घातक हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है। इन लोगों ने मस्जिदों, सार्वजनिक जगहों, स्कूल और यहाँ तक कि अस्पतालों में नागरिकों का नरसंहार किया है। आईएस और तालिबान दोनों कट्टर सुन्नी संगठन है पर दोनों एकदूसरे के दुश्मन हैं। दोनों संगठन खुद को जिहाद का सच्चा ध्वजवाहक होने का दावा करते हैं। 
आईएस के हमले के बाद अमेरिकी सेना और तालिबान को हवाई अड्डे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक दूसरे का सहयोग करना पड़ रहा है। जिसकी एक हफ्ते पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। शनिवार को तालिबान लड़ाकों ने अफगान लोगों की एक बस को यात्री टर्मिनल तक पहुंचाया और इसके बाद इस बस के यात्रियों को अमेरिकी सैनिकों को सौंप दिया।