भोपाल: ऑक्सीजन की कमी से दस मरीजों की मौत, पीपल्स अस्पताल पर लापरवाही का आरोप

मंगलवार सुबह पांच बजे से सात बजे के दरमियान अस्पताल में भर्ती कोरोना के दस मरीजों की हुई मौत, ऑक्सीजन प्रेशर कम होने के बावजूद अस्पताल ने प्रशासन को समय पर नहीं दी जानकारी

Updated: Apr 20, 2021, 06:43 AM IST

Photo Courtesy: Twitter
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भोपाल। राजधानी में बुधवार सुबह ऑक्सीजन की कमी से कोरोना के दस मरीजों की जान चली गई। यह सभी मरीज़ पीपल्स मेडिकल कॉलेज के डी ब्लॉक स्थित कोरोना वार्ड में भर्ती थे। सुबह करीब पांच बजे से सात बजे के दरमियान दस मरीजों ने एक एक कर ऑक्सीजन की कमी के कारण दम तोड़ दिया। इस मामले में अस्पताल प्रबन्धन पर बड़ी लापरवाही बरतने का आरोप लग रहा है। 

बुधवार सुबह पीपल्स मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की किल्लत हो गई। ऑक्सीजन प्रेशर कम होने से कोरोना वार्ड में भर्ती मरीजों को तकलीफें शुरू हो गई। मरीजों को तड़पता देख कोरोना वार्ड में मौजूद नर्सों का स्टाफ भी घबरा गया। कोरोना वार्ड में चारों तरफ अफरा तफरी का माहौल मच गया। परिचित मरीजों के परिजनों को नर्स स्टाफ ने ऑक्सीजन की किल्लत की सूचना दी। ऑक्सीजन की किल्लत की सूचना मिलने पर मरीजों के परिजन आनन फानन में डी ब्लॉक के गेट पर पहुंचे। 

गेट पर पहुंचते ही मरीजों के परिजन ज़ोर ज़ोर से चीखने पुकारने लगे। परिजन कहते रहे कि अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो गया है इसलिए हमें भीतर जाने दो। लेकिन डी ब्लॉक के चैनल गेट पर ताला लगा हुआ था। गेट पर मौजूद गार्ड परिजनों के शोर को देखकर इतना घबरा गया कि वो अंदर भाग गया। मरीजों के परिजन अपने साथ ऑक्सीजन के छोटे सिलेंडर लाए थे। 

यह अफरा तफरी का माहौल लगभग दो घंटे तक जारी रहा। इस दरमियान कोरोना वार्ड में भर्ती दस मरीज़ अपनी ज़िन्दगी से हाथ धो बैठे। इस पूरे मामले में अस्पताल की लापरवाही की बात सामने आ रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जब अस्पताल में ऑक्सीजन का प्रेशर कम हुआ, तब अस्पताल प्रबंधन ने तुरंत ही इस बात की सूचना प्रशासन को नहीं दी। जिस वजह से मरीजों तक ऑक्सीजन उपलब्ध होने में देर हो गई। इस पूरे मामले में यह बात भी निकल कर सामने आ रही है कि अगर मरीजों को ऑक्सीजन मुहैया कराने में थोड़ी भी और देर की जाती तो अस्पताल में भर्ती 40 अन्य मरीजों की भी मौत हो सकती थी।